मदरसों में योग.. चुनावी प्रयोग या सियासी संयोग? क्या योग को धर्म से जोड़ना सही है?

Yoga will now be taught in all Madrasas of Madhya Pradesh

मदरसों में योग.. चुनावी प्रयोग या सियासी संयोग? क्या योग को धर्म से जोड़ना सही है?
Modified Date: February 22, 2023 / 09:03 pm IST
Published Date: February 22, 2023 9:03 pm IST

भोपालः मध्यप्रदेश के सभी मदरसों में अब योग की शिक्षा दी जाएगी। इसके साथ ही सभी स्कूलों में पहली से 12वीं क्लास के सिलेबस में योग को शामिल किया जा रहा है। शैक्षणिक संस्थानों तक तो सब ठीक है, लेकिन जैसे ही मदरसों में योग का जिक्र हुआ तो तमाम मुस्लिम पक्ष एक साथ एक सुर में विरोध करने लगे। उन्होंने नमाज को सबसे बेहतर योग बताकर फैसले के खिलाफ सड़क पर उतरने तक की चेतावनी दे दी।

Read More : CM हेल्पलाइन में उजागर हुआ फर्जीवाड़ा, सीएम ने अधिकारियों को फटकार लगाने के बाद दिए ये निर्देश 

मुस्लिम समाज ने योग को धर्म से जोड़ दिया तो राजनेताओं ने भी योग पर राजनीति शुरू कर दी। बीजेपी ने कहा कि योग को पूरी दुनिया मानती है… जिसके जवाब में कांग्रेस ने सरकार को रोजगार और महंगाई पर ध्यान देने की नसीहत दे डाली।

 ⁠

Read More : NARAYANPUR NEWS : नकली नोट के साथ दो लोगों को पुलिस ने किया गिरफ्तार, पूछताछ में हो सकता है बड़ा खुलासा 

स्वस्थ्य तन-मन के लिए योग की महत्ता को विज्ञान भी मान चुका है। इसके बाद भी योग को कभी सियासी चश्मे से देखा जाता है तो कभी मजहबी नजरिए से परखा जाता है। सवाल है क्या हर फैसले पर राजनीति जरूरी है?


लेखक के बारे में

सवाल आपका है.. पत्रकारिता के माध्यम से जनसरोकारों और आप से जुड़े मुद्दों को सीधे सरकार के संज्ञान में लाना मेरा ध्येय है। विभिन्न मीडिया संस्थानों में 10 साल का अनुभव मुझे इस काम के लिए और प्रेरित करता है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रानिक मीडिया और भाषा विज्ञान में ली हुई स्नातकोत्तर की दोनों डिग्रियां अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने के लिए गति देती है।