Sub Inspector Tukaram: शहीद तुकाराम ओंबले को मिला सम्मान, इस गांव में बनेगा स्मारक, मुंबई आतंकी हमले में हुए थे शहीद

Sub Inspector Tukaram: शहीद तुकाराम ओंबले को मिला सम्मान, इस गांव में बनेगा स्मारक, मुंबई आतंकी हमले में हुए थे शहीद

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  • Publish Date - March 29, 2025 / 02:30 PM IST,
    Updated On - March 29, 2025 / 02:30 PM IST

Sub Inspector Tukaram | Photo Credit: IBC24 Customize

HIGHLIGHTS
  • स्मारक के निर्माण के लिए 13.46 करोड़ रुपये की मंजूरी।
  • तुकाराम ओंबले के बलिदान ने केदांबे गांव से युवाओं को पुलिस में भर्ती होने के लिए प्रेरित किया।
  • 26/11 की रात तुकाराम ओंबले ने अजमल कसाब को जिंदा पकड़कर कई जिंदगियों को बचाया।

मुंबई: Sub Inspector Tukaram मुंबई 26/11 हमलों के दौरान अपनी जान की बाजी लगाकर आतंकवादी अजमल कसाब को जिंदा पकड़ने वाले शहीद पुलिसकर्मी तुकाराम ओंबले के सम्मान में महाराष्ट्र सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने तुकाराम ओंबले के सम्मान में एक स्मारक बनाने की घोषणा की है। ये स्मारक सतारा जिले के मौजे केडंबे गांव में बनेगा।

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Sub Inspector Tukaram इसके निर्माण के लिए महाराष्ट्र सरकार ने 13.46 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की है। और इसकी पहली किस्त 2.70 करोड़ रुपये (20%) प्रशासन को मिल चुकी है। आपको बता दें कि यह स्मारक सतारा जिले के मौजे केडंबे गांव में बनेगा। जहां तुकाराम ओंबले का जन्म हुआ था।

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जानिए कौन थे बलिदानी सब इंस्पेक्टर तुकाराम ओंबले?

आपको बता दें कि शहीद तुकाराम ओंबले वो शख्स है जो आज भी लोगों के दिलों में जिंदा है। तुकाराम ओंबले का जन्म मुंबई से करीब 284 किलोमीटर दूर स्थित केदांबे गांव में हुआ था, जो कि लगभग 250 परिवारों वाला एक छोटा सा गांव है।

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कहा जाता है कि तुकाराम ओंबले केदांबे गांव के पहले व्यक्ति थे जिन्होंने मुंबई पुलिस में भर्ती होकर अपनी सेवा दी थी। इससे पहले इस गांव से कोई भी व्यक्ति पुलिस सेवा में शामिल नहीं हुआ था। लेकिन तुकाराम के बलिदान के बाद इस गांव में एक बड़ा बदलाव आया है। उनकी शहादत के बाद केदांबे गांव से अब तक करीब 13 युवा मुंबई पुलिस में भर्ती हो चुके हैं। यह बदलाव तुकाराम ओंबले की बहादुरी और बलिदान की वजह से हुआ है, जिसने गांव के युवाओं को पुलिस सेवा में शामिल होने के लिए प्रेरित किया। तुकाराम ओंबले का जीवन और उनका साहस आज भी उस गांव के लिए एक प्रेरणा का स्रोत है।

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क्या हुआ था 26/11 की रात

17 साल पहले 26/11 की रात सीएसटी रेलवे स्टेशन को अपना निशाना बनाने के बाद अजमल कसाब और उसका सहयोगी इस्माइल खान ने कामा अस्पताल को अपना निशाना बनाया। दोनों आतंकी अस्पताल के पिछले दरवाजे पर पहुंचे, लेकिन अस्पताल के कर्मचारियों ने अंदर से सारे दरवाजे बंद कर दिए थे। लेकिन दोनों ने अस्पताल के बाहर घात लगाए बैठी पुलिस की टीम पर हमला बोल दिया जिसमें एटीएस चीफ हेमंत करकरे सहित 6 पुलिसकर्मी शहीद हो गए।

तुकाराम ओंबले कौन थे और उन्होंने क्या किया?

तुकाराम ओंबले वह बहादुर पुलिसकर्मी थे जिन्होंने 26/11 के हमलों के दौरान आतंकवादी अजमल कसाब को जिंदा पकड़ने में अहम भूमिका निभाई। वह 23 गोलियां खाने के बावजूद कसाब की राइफल को नहीं हिलने दिया और उसे जिंदा पकड़ने में मदद की।

महाराष्ट्र सरकार ने तुकाराम ओंबले के सम्मान में क्या किया?

महाराष्ट्र सरकार ने तुकाराम ओंबले के सम्मान में एक स्मारक बनाने का फैसला लिया है। यह स्मारक उनके पैतृक गांव केदांबे में बनेगा और इसके निर्माण के लिए 13.46 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की गई है।

तुकाराम ओंबले के बलिदान के बाद केदांबे गांव में क्या बदलाव आया?

तुकाराम ओंबले के बलिदान के बाद केदांबे गांव में एक बड़ा बदलाव आया। उनकी शहादत के बाद अब तक गांव से 13 युवाओं ने मुंबई पुलिस में भर्ती होकर तुकाराम ओंबले की तरह देश की सेवा करने का संकल्प लिया है।