गोदाम में आग लगने के बाद मालकिन ने अदालत में अग्रिम जमानत अर्जी दी, सरकार पर ठीकरा फोड़ा

गोदाम में आग लगने के बाद मालकिन ने अदालत में अग्रिम जमानत अर्जी दी, सरकार पर ठीकरा फोड़ा

  •  
  • Publish Date - July 2, 2025 / 08:23 PM IST,
    Updated On - July 2, 2025 / 08:23 PM IST

ठाणे, दो जुलाई (भाषा) महाराष्ट्र के ठाणे जिले में एक गोदाम में आग लगने से आसपास के कई ऐसे भंडारगृहों के भी नष्ट हो जाने के बाद उसकी (गोदाम की) मालिकन ने जिला प्रशासन पर अग्नि सुरक्षा मानदंडों को लागू करने में “चूक” का आरोप लगाते हुए अग्रिम जमानत मांगी है।

भिवंडी का यह गोदाम 14 जून को करीब 24 घंटे तक धू-धूकर चलता रहा था और विस्फोट के कारण एक व्यक्ति की मौत भी हुई थी।

पुलिस ने 16 जून को गोदाम की मालकिन के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया।

बुधवार को जब अतिरिक्त जिला न्यायाधीश एन के करांडे के समक्ष महिला की गिरफ्तारी-पूर्व जमानत याचिका सुनवाई के लिए आई, तो उसके वकील विकास पाटिल-शिरगांवकर ने कहा कि बड़े पैमाने पर हुई तबाही के लिए जिला प्रशासन भी समान रूप से जिम्मेदार है।

आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 55 का हवाला देते हुए पाटिल-शिरगांवकर ने तर्क दिया कि जिलाधिकारी आवश्यक सुरक्षा संबंधी आदेश जारी करने में विफल रहे।

उन्होंने यह भी दावा किया कि आधिकारिक तौर पर अधिसूचित अग्नि सुरक्षा मानदंडों को स्थानीय स्तर पर लागू नहीं किया गया, जिसके फलस्वरूप इतनी बड़ी त्रासदी हुई।

आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 55 का संबंध आपदा के दौरान सरकारी विभागों द्वारा किए गए अपराधों से है।

पाटिल-शिरगांवकर ने कहा कि गोदाम में वैध तरीके से फर्नीचर, रसायन, मोटर वाहन, गैस, तेल और कपड़ा आदि रखे गये थे तथा आग महज एक दुर्घटना थी।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस ने अपने अधिकार का दुरुपयोग किया और गोदाम की मालकिन के खिलाफ गैर-जमानती धारा लगाई, जिसका ‘कोई आपराधिक इतिहास नहीं है और उसके फरार होने या सबूतों से छेड़छाड़ करने का कोई जोखिम नहीं है।’

कार्यवाही के बाद, अदालत ने जमानत याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।

भाषा

राजकुमार अविनाश

अविनाश