मुंबई, 30 दिसंबर (भाषा) मुंबई महानगरपालिका चुनाव के लिए कांग्रेस और वंचित बहुजन आघाडी (वीबीए) के बीच हुए गठबंधन को उस समय झटका लगा, जब यह बात सामने आई कि प्रकाश आंबेडकर के नेतृत्व वाली वीबीए के पास उसे आवंटित 62 सीट में से 20 पर चुनाव लड़ने के लिए उम्मीदवार ही नहीं हैं।
बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के 15 जनवरी को होने वाले चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की समय सीमा मंगलवार को समाप्त हो गई। वीबीए के पास उम्मीदवार न होने की इस स्थिति के बाद अब कांग्रेस को अपनी चुनावी रणनीति पर फिर से विचार करना पड़ सकता है।
महानगरपालिका की कुल 227 सीट के लिए रविवार को कांग्रेस और वीबीए के बीच 143-62 के अनुपात में सीट बंटवारे का समझौता हुआ था। इसमें से कुछ सीट राष्ट्रीय समाज पक्ष और रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (गवई गुट) को देने का निर्णय लिया गया था।
कांग्रेस के एक नेता ने बताया कि वीबीए ने पार्टी को सूचित किया है कि उसके पास 20 सीट पर चुनाव लड़ने के लिए उम्मीदवार नहीं हैं और उसने ये सीट ‘वापस’ कर दी हैं।
इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए शिवसेना प्रवक्ता संजय निरुपम ने कहा कि उन्हें इन 20 वार्डों के कांग्रेस मतदाताओं के साथ सहानुभूति है।
मुंबई और महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में दलित मतदाताओं के बीच वीबीए का प्रभाव है। डॉ. बी आर आंबेडकर के पोते प्रकाश आंबेडकर के नेतृत्व वाली इस पार्टी का मुख्य आधार ‘नवबौद्ध’ मतदाता हैं।
भाषा सुमित संतोष
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