औरंगाबाद, 16 जून (भाषा) बंबई उच्च न्यायालय की औरंगाबाद पीठ ने शुक्रवार को पुलिस को निर्देश दिया कि ‘यौन संबंध बनाने के समय’ और ‘बच्चे की लैंगिक पहचान’ से जुड़े कथित बयान को लेकर वह लोकप्रिय मराठी ‘कीर्तनकार’(उपदेशक) निवृत्ति महाराज इंदुरीकर के खिलाफ मामला दर्ज करे।
न्यायमूर्ति केसी संत की पीठ ने रंजना गवांडे की ओर से दायर एक रिट याचिका पर यह आदेश दिया। याचिकाकर्ता के वकील जितेंद्र पाटिल ने बताया कि औरंगाबाद जिले में संगमनेर निवासी रंजना एक सामाजिक कार्यकर्ता और वकील हैं।
संवाददाताओं से बातचीत में पाटिल ने कहा कि संगमनेर में प्रथम श्रेणी (न्यायिक मजिस्ट्रेट) की अदालत ने इसके पहले उपदेशक के खिलाफ गर्भाधान पूर्व और प्रसूति पूर्व निदान तकनीक (पीसीपीएनडीटी) अधिनियम की प्रासंगिक धाराओं के तहत मामला दर्ज करने का आदेश दिया था।
उन्होंने कहा कि इस आदेश को सत्र अदालत में चुनौती दी गई, जिसने निचली अदालत के फैसले को रद्द कर दिया। पाटिल ने कहा कि इसके बाद याचिकाकर्ता ने उच्च न्यायालय में अलग से एक रिट याचिका दाखिल की, जिस पर सुनवाई इस साल अप्रैल में पूरी हुई थी।
वर्ष 2020 में अहमदनगर जिले की एक बस्ती में उपदेश के दौरान उपदेशक ने कथित तौर पर कहा था कि सम संख्या वाली तारीख पर दंपति के संबंध बनाने से लड़के का जन्म होता है, जबकि विषम संख्या वाली तारीख पर संबंध बनाने से पुत्री का जन्म होता है।
भाषा संतोष दिलीप
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