मुंबई, 17 अगस्त (भाषा) भारत के प्रधान न्यायाधीश बी. आर. गवई ने रविवार को बंबई उच्च न्यायालय की नयी सर्किट पीठ का कोल्हापुर जिले में उद्घाटन किया।
इस अवसर पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे उपस्थित थे।
कोल्हापुर में चौथी पीठ की स्थापना विभिन्न क्षेत्रों से वर्षों से उठ रही मांगों के बीच की गई है, ताकि वादियों और वकीलों पर बोझ कम किया जा सके, जिन्हें अपनी याचिकाओं की सुनवायी के लिए 380 किलोमीटर दूर मुंबई जाना पड़ता है।
वर्तमान में, मुंबई में मुख्य पीठ के अलावा, उच्च न्यायालय की दो और पीठ हैं – विदर्भ क्षेत्र के नागपुर में और राज्य के मराठवाड़ा क्षेत्र के औरंगाबाद (छत्रपति संभाजीनगर) में।
उच्च न्यायालय की तीसरी पीठ निकटवर्ती गोवा में स्थित है।
बम्बई उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश आलोक अराधे ने एक अगस्त को एक अधिसूचना जारी करके कोल्हापुर को सर्किट पीठ बनाया।
कोल्हापुर पीठ सोमवार (18 अगस्त) से एक खंडपीठ और दो एकल पीठों के साथ कार्य करेगी।
नयी पीठ का अधिकार क्षेत्र छह जिलों – सतारा, सांगली, सोलापुर, कोल्हापुर, रत्नागिरि और सिंधुदुर्ग (अंतिम दो तटीय कोंकण क्षेत्र में स्थित) पर होगा।
कोल्हापुर खंडपीठ में न्यायमूर्ति एम एस कार्णिक और न्यायमूर्ति शर्मिला देशमुख शामिल होंगे, जबकि न्यायमूर्ति एस जी डिगे और न्यायमूर्ति एस जी चपलगांवकर एकल पीठ की अध्यक्षता करेंगे।
उम्मीद है कि खंडपीठ जनहित याचिकाओं, सिविल रिट याचिकाओं, प्रथम अपीलों, पारिवारिक अदालत अपीलों, अवमानना अपीलों के साथ-साथ कोल्हापुर, सतारा, सांगली, सोलापुर, रत्नागिरि और सिंधुदुर्ग जिलों के सभी अन्य सिविल और आपराधिक मामलों की सुनवाई करेगी।
न्यायमूर्ति डिगे की एकल पीठ आपराधिक अपीलों, आपराधिक पुनरीक्षण आवेदनों, जमानत आवेदनों और अन्य आपराधिक मामलों की सुनवाई करेगी।
न्यायमूर्ति चपलगांवकर एकल पीठ की अध्यक्षता करेंगे और यह पीठ सिविल रिट याचिकाओं, सिविल आवेदनों और एकल न्यायाधीश को सौंपी गई अन्य सिविल मामलों की सुनवाई करेगी।
भाषा अमित संतोष
संतोष