एल्गार मामला : एनआईए अदालत ने पांच आरोपियों को जमानत देने से इनकार किया

एल्गार मामला : एनआईए अदालत ने पांच आरोपियों को जमानत देने से इनकार किया

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  • Publish Date - June 28, 2022 / 07:09 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:42 PM IST

मुंबई, 28 जून (भाषा) राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की एक विशेष अदालत ने मंगलवार को एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले में शिक्षाविद शोमा सेन और चार अन्य आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दी।

विशेष एनआईए न्यायाधीश राजेश जे कटारिया ने प्रोफेसर शोमा सेन, सुधीर धवले, कार्यकर्ता रोना विल्सन, अधिवक्ता सुरेंद्र गाडलिंग और महेश राउत को तकनीकी आधार पर जमानत देने से इनकार कर दिया। आरोपियों ने मूल रूप से 2018 में पुणे की एक सत्र अदालत में तकनीकी आधार पर जमानत के लिए आवेदन दायर किया था, जब पुलिस मामले की जांच कर रही थी।

आरोपियों ने अपनी याचिका में दावा किया था कि मामले में आरोपपत्र दाखिल करने के लिए सत्र अदालत द्वारा 90 दिनों का विस्तार ‘‘अवैध’’ था। इसलिए, वे दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) के प्रावधानों के तहत तकनीकी आधार पर जमानत के हकदार हैं।

मामला 31 दिसंबर, 2017 को पुणे के शनिवारवाड़ा में आयोजित एल्गार परिषद सम्मेलन में दिए गए कथित भड़काऊ भाषणों से संबंधित है। पुलिस ने दावा किया था कि इन्हीं भड़काऊ भाषणों के कारण शहर के बाहरी इलाके में स्थित कोरेगांव-भीमा युद्ध स्मारक के पास अगले दिन हिंसा हुई थी।

पुणे पुलिस ने दावा किया था कि सम्मेलन को माओवादियों का समर्थन प्राप्त था। मामले की जांच में 12 से ज्यादा कार्यकर्ताओं और शिक्षाविदों को आरोपी के रूप में नामित किया गया है। बाद में मामले को एनआईए को स्थानांतरित कर दिया गया था।

भाषा आशीष पवनेश

पवनेश