नागपुर, 14 दिसंबर (भाषा) महाराष्ट्र सरकार विदर्भ क्षेत्र में संतरा, मीठा नींबू और अन्य फलों के उत्पादकों के सतत विकास तथा बेहतर आजीविका सुनिश्चित करने के लिए रणनीतिक नीतिगत निर्णय लेगी। राज्य के कृषि मंत्री दत्तात्रेय भारणे ने रविवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने नागपुर में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी की अध्यक्षता में आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक को संबोधित करते हुए यह बात कही। इस बैठक में खट्टे फलों की खेती और नर्सरी विनियमन से संबंधित सुधारों पर चर्चा की गई।
बैठक में महाराष्ट्र फल नर्सरी (विनियमन) अधिनियम, 1969 में प्रस्तावित संशोधनों पर ध्यान केंद्रित किया गया जिसका उद्देश्य रोपण सामग्री की गुणवत्ता में सुधार करना और विदर्भ के नींबू उत्पादन को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाना है।
भारणे ने कहा कि राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड (एनएचबी) के साथ नर्सरियों का पंजीकरण और सभी खट्टे फलों की नर्सरियों के लिए अनिवार्य मान्यता को लागू किया जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘‘इन निर्णयों से फलों की गुणवत्ता, निर्यात क्षमता और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में प्रतिस्पर्धात्मकता में उल्लेखनीय सुधार होगा।’’
आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार] गडकरी ने कृषि विश्वविद्यालयों को 20 मॉडल नर्सरी, एआई-आधारित थिनिंग मशीनरी, साइट्रस मॉडल फार्म और अन्य आवश्यक अनुसंधान पहलों की स्थापना के लिए प्रस्ताव प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।
उन्होंने खट्टे फलों की खेती में अनुसंधान और नवाचार को मजबूत करने के लिए कृषि विश्वविद्यालयों को प्राथमिकता के आधार पर समर्थन देने का आश्वासन दिया और किसानों की समृद्धि के लिए विदर्भ के फल क्षेत्र के महत्व पर प्रकाश डाला।
भाषा रवि कांत नेत्रपाल
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