महाराष्ट्र सरकार सतारा में मादक पदार्थ इकाई पर छापेमारी से जुड़ी जानकारी छिपा रही: कांग्रेस

महाराष्ट्र सरकार सतारा में मादक पदार्थ इकाई पर छापेमारी से जुड़ी जानकारी छिपा रही: कांग्रेस

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  • Publish Date - December 13, 2025 / 08:34 PM IST,
    Updated On - December 13, 2025 / 08:34 PM IST

मुंबई, 13 दिसंबर (भाषा) महाराष्ट्र में कांग्रेस नेताओं ने राज्य सरकार पर सतारा जिले में मेफेड्रोन विनिर्माण इकाई पर मुंबई पुलिस के छापे से संबंधित जानकारी को छुपाने का शनिवार को आरोप लगाया और गृह विभाग से अभियान का विवरण सार्वजनिक करने की मांग की।

राज्य कांग्रेस प्रमुख हर्षवर्धन सपकाल ने कहा कि मुंबई अपराध शाखा ने हाल में सतारा के सावरी गांव में छापा मारा था।

उन्होंने एक बयान में कहा कि अपराध शाखा ने नौ दिसंबर को मादक पदार्थ के दो तस्करों को गिरफ्तार किया और आरोपियों ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि उन्होंने पुणे के विशाल मोरे से मेफेड्रोन खरीदा था। पुलिस ने 12 दिसंबर को पिंपरी चिंचवाड़ इलाके से मोरे को गिरफ्तार कर लिया और उसके पास से दो किलोग्राम प्रतिबंधित पदार्थ बरामद किया गया।

मोरे ने बाद में जांचकर्ताओं को बताया कि वह सतारा के जावली तालुका के सावरी गांव में मेफेड्रोन का निर्माण कर रहा था। सपकाल ने कहा कि पुलिस कथित तौर पर एक मवेशी शेड तक पहुंची जहां मादक पदार्थ बनाने की एक अस्थायी इकाई संचालित हो रही थी। मौके से पश्चिम बंगाल के तीन श्रमिकों को गिरफ्तार किया गया।

कांग्रेस नेता ने दावा किया कि परिसर गोविंद शिमकर नामक व्यक्ति का है और इसे एक स्थानीय निवासी के माध्यम से मोरे को किराए पर दिया गया था।

सपकाल ने दावा किया कि श्रमिकों को भोजन सावरी गांव के तेजस लॉज से दिया जा रहा था, जिसका मालिक ठाणे का शिवसेना का एक नगरसेवक है।

उन्होंने छापे को लेकर ‘गोपनीयता’ और मौके पर मुंबई अपराध शाखा के वरिष्ठ अधिकारियों और सतारा के पुलिस अधीक्षक की उपस्थिति पर सवाल उठाया। उन्होंने यह भी जानना चाहा कि क्या संबंधित भूमि का सत्तारूढ़ दल के करीबियों से कोई संबंध है।

सपकाल ने कहा, ‘ऐसा लगता है कि सरकार तथ्यों को दबा रही है। गृह विभाग को एक स्पष्ट और पारदर्शी खुलासा करना चाहिए।’

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत ने भी आरोप लगाया कि मामले को दबाने का प्रयास किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि हालांकि मादक विनिर्माण इकाई में कथित तौर पर लगभग 43 लोग कार्यरत थे, लेकिन अब तक केवल तीन श्रमिकों को गिरफ्तार दिखाया गया है।

सावंत ने कहा कि अभियान को कम करके दिखाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने राजनीतिक निकटता या प्रभाव की परवाह किए बिना तत्काल और सख्त कार्रवाई की मांग की।

आरोपों पर टिप्पणी के लिए पुलिस अधिकारी तुरंत उपलब्ध नहीं थे।

भाषा

नोमान माधव

माधव