मुंबई, 11 मार्च (भाषा) महाराष्ट्र में सड़क दुर्घटनाओं में रोजाना औसतन 40 से अधिक लोगों की मौत होने के मद्देनजर राज्य सरकार ने मंगलवार को कहा कि वह मादक पदार्थ का सेवन कर वाहन चलाने वालो का पता लगाने के लिए परीक्षण किट का इस्तेमाल करने की योजना बना रही है।
राज्य के परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक ने राज्य विधानसभा में एक प्रश्न के उत्तर में यह जानकारी दी।
मंत्री ने कहा कि राज्य अब तक ‘हाईवे इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम’ को लागू नहीं कर पाया है।
इस प्रणाली के अंतर्गत सीसीटीवी कैमरे, सेंसर और कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसी प्रौद्योगिकी का उपयोग राजमार्गों पर यातायात प्रवाह की वास्तविक समय में निगरानी और प्रबंधन के लिए किया जाता है। इसका उद्देश्य भीड़भाड़ को कम करना, सुरक्षा में सुधार करना और वाहन चालकों को सड़क की स्थिति के बारे में आवश्यक जानकारी प्रदान करना है।
उन्होंने कहा कि 2023 में सड़क हादसों की संख्या 35,243 थी और इनमें 15,366 लोगों की मौत हुई थी। मंत्री ने कहा कि 2024 में सड़क हादसों की संख्या बढ़कर 36,084 सड़क और इनमें 15,335 लोगों की मौत हुई।
सरनाईक ने कहा कि शराब पीकर गाड़ी चलाने के मामले सामने आते हैं और पुलिस इसकी जांच करती है। उन्होंने कहा कि ऐसे मामले भी सामने आए हैं, जिसमें चालक मादक पदार्थ का सेवन करते हुए भी पकड़े गए हैं।
मंत्री ने कहा, ‘‘परिवहन विभाग ऐसी उपकरण खरीद रहा है जो शराब के साथ-साथ यह भी पता लगा सकती है कि वाहन चालक ने किसी अन्य मादक पदार्थ का सेवन तो नहीं किया है।’’
केरल वर्ष 2023 में इस प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करने वाला पहला राज्य था। इसमें ‘लार’ के नमूनों का इस्तेमाल करके पांच मिनट में नतीजे आ जाते हैं। यह एमडीएमए, ब्राउन शुगर और यहाँ तक कि गांजा जैसे विभिन्न मादक पदार्थों का पता लगा सकता है।
मंत्री ने यह भी कहा कि यातायात नियमों के उल्लंघन और संभावित जुर्माने को लेकर वाहन चालकों को सचेत करने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) का उपयोग किया जाएगा।
भाषा
राखी धीरज
धीरज