मुंबई, नौ अगस्त (भाषा) महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शनिवार को कहा कि महिला सशक्तिकरण के प्रयासों के तहत महाराष्ट्र सरकार का लक्ष्य राज्य में एक करोड़ ‘लखपति दीदी’ बनाना है।
‘लखपति दीदी’ का तात्पर्य स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) की उस सदस्य से है ,जो प्रतिवर्ष एक लाख रुपये या उससे अधिक की आय अर्जित करती है।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘पिछले साल हमने 25 लाख लखपति दीदी बनाईं, जबकि इस साल हम 25 लाख और लखपति दीदी बनाना चाहते हैं। हमारा लक्ष्य महाराष्ट्र में एक करोड़ लखपति दीदी बनाना है। मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहन योजना इसी अभियान का हिस्सा है। कुछ लोगों ने यह दावा करके भ्रम पैदा करने की कोशिश की है कि योजना बंद कर दी जाएगी। हम इसे बंद नहीं करेंगे। इसके बजाय, हम सही समय पर सहायता बढ़ाएंगे।’’
लाडकी बहन योजना राज्य सरकार की प्रमुख योजना है, जिसके तहत महिला लाभार्थियों को 1500 रुपये मासिक सहायता मिलती है। हालांकि इसके लिए वार्षिक घरेलू आय सीमा समेत कुछ शर्तों को पूरा करना जरूरी है।
फडणवीस ने कहा, ‘‘कुछ लोगों ने इस योजना का दुरुपयोग किया है। उदाहरण के तौर पर, पुरुषों ने लाभ प्राप्त करने के लिए पोर्टल पर मोटरसाइकिल की तस्वीरें अपलोड कीं। हम ऐसे नामों को लाभार्थियों की सूची से हटा रहे हैं।’’
मुख्यमंत्री ने बताया कि देश में सबसे अधिक स्वयं सहायता समूह महाराष्ट्र में हैं और 10 जिलों में ऐसे केंद्र स्थापित किए जाएंगे, जहां उनके द्वारा बनाए गए उत्पादों को बेचा जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने वित्तपोषण और परिक्रामी निधि में वृद्धि की है। पुरुषों की तुलना में महिलाओं द्वारा ऋण चुकाने की दर बहुत अधिक है। कई योजनाओं में, पुरुषों ने ऋण का 50 प्रतिशत भी नहीं चुकाया है।’’
भाषा यासिर संतोष
संतोष