नागपुर (महाराष्ट्र), 31 जनवरी (भाषा) बंबई उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ ने सूरजगढ़ लौह अयस्क खदान में आगजनी के 2016 के एक मामले के संबंध में वकील सुरेंद्र गाडलिंग को जमानत देने से मंगलवार को इनकार कर दिया।
माओवादियों ने 25 दिसंबर 2016 को महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले की इटापल्ली तहसील में सूरजगढ़ खदान से लौह अयस्क ले जाने में शामिल कम से कम 80 वाहनों में कथित तौर पर आग लगा दी थी।
गाडलिंग पर माओवादी गतिविधियों में संलिप्त होने का आरोप है।
न्यायमूर्ति विनय जोशी और न्यायमूर्ति वाल्मीकि मेनेंजेस की खंडपीठ ने जमानत का अनुरोध करने वाली गाडलिंग की अपील मंगलवार को खारिज कर दी।
निचली अदालत द्वारा जमानत याचिका खारिज होने के बाद गाडलिंग ने अपील दायर की थी। उनके वकील फिरदौस मिर्जा ने दलील दी थी कि गाडलिंग के खिलाफ कोई सबूत नही है।
गाडलिंग 31 दिसंबर 2017 को पुणे में एल्गार परिषद के एक सम्मेलन में कथित तौर पर भड़काऊ भाषण देने से जुड़े एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले में भी आरोपी हैं। पुलिस का दावा है कि इस भाषण के बाद पुणे जिले में अगले दिन कारेगांव-भीमा युद्ध स्मारक के समीप हिंसा भड़क उठी थी।
भाषा गोला नरेश
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