PM Modi Maharashtra Visit: नवी मुंबई में बनकर तैयार हुआ एशिया का दूसरा सबसे बड़ा इस्कॉन मंदिर, पीएम मोदी आज करेंगे उद्घाटन
Radha Madan Mohan Temple: नवी मुंबई में बनकर तैयार हुआ एशिया का दूसरा सबसे बड़ा इस्कॉन मंदिर, पीएम मोदी आज करेंगे उद्घाटन
PM Modi MP Visit | Image Source- IBC24 Archive
नयी दिल्ली: Radha Madan Mohan Temple प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज बुधवार को महाराष्ट्र का दौरा करेंगे और इस दौरान नौसेना डॉकयार्ड (पोतगाह) में तीन अग्रिम पंक्ति के नौसैनिक युद्धपोतों आईएनएस सूरत, आईएनएस नीलगिरी और आईएनएस वाघशीर को राष्ट्र को समर्पित करेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने एक बयान में यह जानकारी दी। उसके मुताबिक, प्रधानमंत्री इसके बाद नवी मुंबई के खारघर में इस्कॉन मंदिर का उद्घाटन भी करेंगे।
Read More: आज इन तीन राशियों पर जमकर बरसेगी गणपति की कृपा, मिलेगा शुभ समाचार, धन लाभ के बन रहे योग
Radha Madan Mohan Temple पीएमओ ने कहा कि तीन प्रमुख नौसैनिक युद्धपोतों को राष्ट्र को समर्पित किया जाना रक्षा विनिर्माण और समुद्री सुरक्षा में वैश्विक नेता बनने के भारत के सपने को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण छलांग है। आईएनएस सूरत 15बी श्रेणी के गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर प्रोजेक्ट का चौथा और अंतिम जहाज है, जो दुनिया के सबसे बड़े और सबसे परिष्कृत विध्वंसक जहाजों में शुमार है। इसमें 75 प्रतिशत स्वदेशी सामग्री है और यह अत्याधुनिक हथियार-सेंसर पैकेज और उन्नत नेटवर्क-केंद्रित क्षमताओं से लैस है।
आईएनएस नीलगिरी 17ए स्टील्थ फ्रिगेट प्रोजेक्ट का पहला जहाज है। इसे भारतीय नौसेना के युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो द्वारा डिजाइन किया गया है और इसे बढ़ी हुई क्षमता, समुद्र में लंबे समय तक रहने तथा स्टील्थयुक्त उन्नत सुविधाओं के साथ नौसेना में शामिल किया गया है। यह स्वदेशी फ्रिगेट की अगली पीढ़ी को दर्शाता है। पी75 स्कॉर्पीन परियोजना की छठी और अंतिम पनडुब्बी आईएनएस वाघशीर, पनडुब्बी निर्माण में भारत की बढ़ती विशेषज्ञता का प्रतिनिधित्व करती है और इसका निर्माण फ्रांस के नौसेना समूह के सहयोग से किया गया है।
पीएमओ ने कहा कि भारत की सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने की अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप, नवी मुंबई के खारघर में बना एशिया का दूसरा सबसे बड़ा इस्कॉन मंदिर बन कर तैयार हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका उद्धघाटन करेंगे। बयान के मुताबिक, नौ एकड़ में विस्तारित इस परियोजना में कई देवताओं के विग्रह के साथ एक मंदिर, एक वैदिक शिक्षा केंद्र, प्रस्तावित संग्रहालय और सभागार तथा उपचार केंद्र आदि शामिल हैं। इसका उद्देश्य वैदिक शिक्षाओं के माध्यम से सार्वभौमिक बंधुत्व, शांति और सद्भाव को बढ़ावा देना है।

Facebook



