महाराष्ट्र के कुछ स्थानीय निकायों में चुनाव स्थगित करना समझ से परे: कांग्रेस

महाराष्ट्र के कुछ स्थानीय निकायों में चुनाव स्थगित करना समझ से परे: कांग्रेस

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  • Publish Date - December 1, 2025 / 06:55 PM IST,
    Updated On - December 1, 2025 / 06:55 PM IST

मुंबई, एक दिसंबर (भाषा) कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि महाराष्ट्र में कुछ नगर परिषदों और वार्डों में दो दिसंबर के मतदान को स्थगित करने का राज्य निर्वाचन आयोग (एसईसी) का निर्णय उसकी ‘अराजक कार्यप्रणाली’ और अपने ही नियमों का पालन करने में विफलता को दर्शाता है।

हालांकि राज्य निर्वाचन आयोग ने उन स्थानीय निकायों की विस्तृत सूची नहीं दी है जहां मंगलवार को चुनाव नहीं होंगे, लेकिन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने दावा किया कि चुनाव निकाय के फैसले से 20 नगर परिषद और कुछ वार्ड प्रभावित होंगे।

उन्होंने कहा कि परिवर्तन के बाद कुछ परिषदों एवं वार्डों में मतदान अब 20 दिसंबर को होगा।

राज्य निर्वाचन आयोग ने पिछले महीने घोषणा की थी कि 246 नगर परिषदों और 42 नगर पंचायतों में चुनाव दो दिसंबर को होंगे तथा मतों की गिनती तीन दिसंबर को होगी।

सपकाल ने मांग की कि मतगणना स्थगित कर 20 दिसंबर के बाद कराई जाए।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘राज्य निर्वाचन आयोग ने रविवार रात घोषणा की कि आरक्षण पर अदालती आदेश के मद्देनजर 20 परिषदों और कुछ वार्डों में चुनाव स्थगित कर दिए जायेंगे। यह आश्चर्यजनक और समझ से परे है।’’

उन्होंने पूछा, ‘‘(उच्चतम) न्यायालय द्वारा 22 नवंबर को अपना फैसला सुनाये जाने के एसईसी ने आठ दिन बाद कार्रवाई क्यों की? क्या आयोग 30 नवंबर तक आठ दिनों तक सोया रहा?’’

हाल में उच्चतम न्यायालय ने महाराष्ट्र सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग को जल्द से जल्द स्थानीय निकाय चुनाव कराने का निर्देश दिया। शीर्ष अदालत ने यह स्पष्ट भी किया कि जिन निकायों में आरक्षण की 50 प्रतिशत सीमा का उल्लंघन हुआ है, उनके चुनाव परिणाम उसके फैसले पर निर्भर करेंगे।

सपकाल ने आरोप लगाया कि स्थानीय निकायों के चुनाव लगभग दस साल बाद होने वाले हैं, फिर भी चुनाव प्रक्रिया को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई है।

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘पहले तो नामांकन प्रक्रिया को जटिल बना दिया गया। मतदाता सूचियों में भारी त्रुटियां थीं, जिनमें दो-दो और तीन-तीन बार प्रविष्टियां भी थीं। चुनाव की घोषणा के बाद, अदालत के आरक्षण संबंधी निर्देशों ने कई नगर पंचायतों को अनिश्चितता में डाल दिया। अब, आयोग ने चुनाव स्थगित कर दिए हैं और नया कार्यक्रम जारी कर दिया है।’’

सपकाल ने आरोप लगाया कि राज्य निर्वाचन आयोग स्वतंत्र और पारदर्शी तरीके से चुनाव कराने में असमर्थ रहा है।

उन्होंने कांग्रेस के आरोपों को दोहराया कि नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किया जाना ‘राजनीतिक प्रतिशोध’ था।

भाषा राजकुमार नरेश

नरेश