ठाणे, 11 मार्च (भाषा) महाराष्ट्र के ठाणे जिले की एक अदालत ने शहर में अतिक्रमण रोधी अभियान के दौरान एक महिला पार्षद के साथ दुर्व्यवहार करने के 10 साल पुराने मामले में दो फेरीवालों को सबूतों के आभाव में बरी कर दिया है।
अदालत ने दोनों को बरी करते हुए कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपों को साबित करने में विफल रहा है।
अतिरिक्त सत्र न्यायालय के न्यायाधीश ए.एस. भागवत ने कहा कि अभियोजन पक्ष खेमचंद निहालचंद नैनानी और तुलसी कुकुमल सेवकानी पर लगे आरोपों को उचित संदेह से परे साबित करने में विफल रहा है।
अदालत द्वारा सात मार्च को दिए गए आदेश की एक प्रति सोमवार को उपलब्ध कराई गई।
यह घटना 18 अप्रैल, 2015 को उस दौरान हुई थी जब ठाणे नगर निगम (टीएमसी) की एक टीम स्टेशन रोड क्षेत्र में अवैध फेरीवालों को हटाने के लिए अभियान संचालित कर रही थी।
महिला पार्षद तृणमूल कांग्रेस के नौपाडा वार्ड की सहयोजित सदस्य थीं, जिन्हें अतिक्रमण हटाने का अधिकार दिया गया था।
दोनों फेरीवालों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 353 (किसी लोक सेवक को उसके कर्तव्य निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल का प्रयोग) और 504 (शांति भंग करने के लिए जानबूझकर अपमान करना) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
आरोपपत्र दाखिल किया गया और जून 2022 में मुकदमा शुरू हुआ। अभियोजन पक्ष ने पांच गवाह पेश किए थे।
भाषा प्रीति रंजन
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