समाजवादी पार्टी के संस्थापक और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव का 82 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। उन्होंने मेदांता अस्पताल में अंतिम सांस ली। बता दें कि अचानक तबियत बिगड़ने के बाद मुलायम सिंह को 22 अगस्त को गुरुग्राम के म्मेदान्ता अस्पताल में भर्ती करवाया गया था।
सोशल मीडिया में भी मुलायम सिंह यादव के समर्थक उनके स्वस्थ होने की दुआ मांग रहे थे, लेकिन आज उनका निधन हो गया। मुलायम सिंह से जुड़े कई किस्से और कहानियां लोग सोशल मीडिया में शेयर कर रहे हैं। ऐसा ही एक किस्सा है जब मुलायम सिंह यादव ने एक बार राष्ट्रपति चुनाव में खुद अपने वोट की पर्ची फाड़ दी थी।
दरअसल पूरा मामला साल 2012 का है। जब एनडीए की ओर से पीए संगमा तो यूपीए की ओर से प्रणब मुखर्जी राष्ट्रपति के उम्मीदवार थे। केंद्र में यूपीए और उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार थी। तब सपा ने तय किया कि वह यूपी के राष्ट्रपति उम्मीदवार को अपना वोट देगी।
संसद भवन में काउंटिंग वाले दिन मुलायम अपना वोट डालने पहुंचे। वह पता नहीं किस उधेड़बुन में थे कि उन्होंने वोट की पर्ची पर पीए संगमा के नाम के आगे मोहर मार दी। मोहर लगाने के बाद मुलायम को एहसास हुआ कि ये तो गलत हो गया। उन्होंने अपनी वोट की पर्ची फाड़ दी और चुनाव पर्यवेक्षक से दूसरी पर्ची मांगी।
दूसरी पर्ची पर मुलायम ने यूपीए के कैंडिडेट प्रणब मुखर्जी के नाम के आगे मुहर लगाई और अपना वोट मतपेटी में डाल दिया। एनडीए को जब इस बात का पता चला तो उन्होंने जमकर हंगामा किया। यूपीए मुलायम के बचाव में उतर गई। चुनाव आयोग से इसकी शिकायत भी दर्ज कराई गई।
नियम ये कहता है कि मतपत्र पर स्याही गिर जाने या किसी वजह से चिपककर फट जाने की स्थिति में ही दूसरा मतपत्र दिया जाता है, लेकिन मुलायम के मामले में ऐसा कुछ नहीं हुआ था। एनडीए की मांग थी कि मुलायम का पहला वोट ही मान्य हो। हालांकि चुनाव आयोग ने मुलायम सिंह यादव का वोट अमान्य करार दिया। वैसे तब भी जीत प्रणब मुखर्जी की ही हुई थी।
Mulayam Singh Funeral