CG Naxal Encounter: 3 राज्यों के बॉर्डर पर ‘मौत का मचान’! पेड़ों पर बैठे नक्सली, नीचे चल रही थी मुठभेड़… दुर्गम जंगल में फंसे घायल इंस्पेक्टर की शहादत, अब सामने आई बड़ी चूक की कहानी?

कोहापानी का जंगल पहाड़ी और नदी-नालों से घिरा अत्यंत दुर्गम क्षेत्र है। यहां मोटरसाइकिल या वाहन नहीं जा सकते, जिससे घटना के समय क्या हुआ, इसका पता लगाना मुश्किल था। आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला।

  • Reported By: DHIRAJ SHARMA

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  • Publish Date - November 20, 2025 / 04:13 PM IST,
    Updated On - November 20, 2025 / 06:59 PM IST

CG Naxal Encounter/ Image Source: IBC24

HIGHLIGHTS
  • छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश की सीमावर्ती क्षेत्रों में नक्सलियों का इजाफा।
  • पुलिस को बड़े हथियार डंप के मामले में संदिग्ध स्थल के रूप में मिला।
  • बालाघाट पुलिस ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर पूरी घटना का विवरण दिया।

CG Naxal Encounter: छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश की सीमावर्ती क्षेत्रों में नक्सलियों की गतिविधियों में फिर से इजाफा हुआ है। बीती रात कुर्रेझर-कोहापानी के दुर्गम जंगल में हुई मुठभेड़ के दौरान बालाघाट के इंस्पेक्टर आशीष शर्मा को गंभीर गोली लगी और वो शहीद हो गए।

मिली जानकारी के अनुसार, इंस्पेक्टर शर्मा को सुबह 5 बजे गोली लगी लेकिन दुर्गम इलाके और कठिन परिस्थिति के कारण उन्हें 5 घंटे तक उपचार नहीं मिल पाया। सुबह 10 बजे उन्हें घटना स्थल से रवाना किया गया और 11 बजे डोंगरगढ़ अस्पताल में भर्ती कराया गया। इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। कोहापानी का जंगल पहाड़ी और नदी-नालों से घिरा अत्यंत दुर्गम क्षेत्र है। यहां मोटरसाइकिल या वाहन नहीं जा सकते, जिससे घटना के समय क्या हुआ, इसका पता लगाना मुश्किल था।

नक्सलियों का सुरक्षित ठिकाना

इस क्षेत्र में नक्सली पेड़ों में बने मचान से आने-जाने वालों पर नजर रखते हैं। ये मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ की बॉर्डर लाइन पर स्थित है और नक्सलियों के लिए इसे सुरक्षित जोन माना जाता है। सूत्रों के अनुसार, नक्सली पुराने हथियारों की तलाश में इस क्षेत्र में बढ़ रहे हैं। बागनदी से कटेमा तक का जंगल कई बार पुलिस को बड़े हथियार डंप के मामले में संदिग्ध स्थल के रूप में मिला है।

सुरक्षा बलों की कार्यवाई

Dongargarh Naxali Movement: सीमावर्ती तीनों राज्यों की पुलिस ने संयुक्त अभियान चलाकर नक्सलियों की कमर तोड़ने की कोशिश की लेकिन अचानक हुई फायरिंग में इंस्पेक्टर आशीष शर्मा शहीद हो गए। इस घटना के बाद सवाल उठ रहे हैं कि इंस्पेक्टर शर्मा को गोली कैसे लगी और घायल होने के बाद इलाज में देरी क्यों हुई। मौके पर मौजूद बालाघाट और राजनांदगांव के आईजी ने पत्रकारों के सवालों का कोई सीधा जवाब नहीं दिया। यहां तक कि अस्पताल में शहीद जवान का वीडियो बनाने से भी पत्रकारों को रोका गया।

शहीद को दी श्रद्धांजलि

देर शाम बालाघाट पुलिस ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर पूरी घटना और इंस्पेक्टर आशीष शर्मा की शहादत का विवरण दिया। डोंगरगढ़ की विधायक हर्षिता स्वामी बघेल ने अस्पताल पहुंचकर शहीद को श्रद्धांजलि दी और पत्रकारों को जानकारी साझा की।

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क्या हुआ?

डोंगरगढ़ के कुहरेझर-कोहापानी जंगल में नक्सलियों और पुलिस के बीच मुठभेड़ में बालाघाट के इंस्पेक्टर आशीष शर्मा गंभीर रूप से घायल हो गए और इलाज से पहले ही शहीद हो गए।

घटना स्थल और परिस्थितियाँ कैसी थीं?

मुठभेड़ दुर्गम जंगल में हुई, जो पहाड़ियों और नदियों से घिरा है। वाहन या मोटरसाइकिल द्वारा पहुँचना संभव नहीं था, इसलिए घायल इंस्पेक्टर को मदद मिलने में 5 घंटे लग गए।

प्रशासन ने क्या कदम उठाए?

सीमावर्ती तीनों राज्यों की पुलिस ने संयुक्त अभियान चलाया। घटना के बाद बालाघाट पुलिस और डोंगरगढ़ विधायक ने शहीद को श्रद्धांजलि दी और प्रेस नोट जारी किया।