Chor Panchak 2024: वैदिक ज्योतिष शास्त्रों में ग्रहों की चाल और इनके राशि परिवर्तन का सकारात्मक और नकारात्म प्रभाव पड़ता है। बता दें कि 5 अप्रैल से चोर पंचक की शुरूआत हो रही है। होलाष्टक की तरह ही पंचक के दौरान किसी भी तरह के शुभ और मांगलिक कार्य की मनाही होती है। हर माह में ऐसे पांच दिनों को ही पंचक के नाम से जाता है। इन पांच दिनों में व्यक्तियों को खास नियमों का ध्यान रखना होता है। नहीं तो इसके बुरे परिणाम और परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है।
अप्रैल में कब लगेगा चोर पंचक?
हिंदू पंचांग के अनुसार, अप्रैल माह में चोर पंचक 5 अप्रैल, शुक्रवार के दिन सुबह के 7 बजकर 14 मिनट पर शुरू हो रहा है, जिसका समापन 9 अप्रैल मंगलवार के दिन सुबह 7 बजकर 32 मिनट पर होगा।
पंचक में कौन से कार्य न करें
पंचक के दिनों में गृह निर्माण, लकड़ी खरीदना, दक्षिण दिशा की तरफ की यात्रा, शव जलाना, अंतिम संस्कार करना, शय्या का निर्माण, विवाह, गृह प्रवेश आदि जैसे कार्य पर मनाही होती है।
कब लगता है पंचक?
पंचक पांच नक्षत्रों के एक समूह को कहा जाता है। सभी 27 नक्षत्रों में से 5 नक्षत्र ऐसे होते हैं जिन्हें अशुभ माना जाता है। ये नक्षत्र- धनिष्ठा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद, शतभिषा और रेवती नक्षत्र हैं। ज्योतिष शास्त्रों में कहा जाता है, कि जब चंद्रमा पूर्वाभाद्रपद, धनिष्ठा, उत्तराभाद्रपद और रेवती नक्षत्र में विचरण करता है, तो पंचक शुरू हो जाता है। इस समय को अशुभ मुहूर्त में गिना जाता है।