(Goverdhan Puja 2025, Image Credit: IBC24 News Customize)
Goverdhan Puja 2025: पांच दिवसीय दीपावली पर्व का एक महत्वपूर्ण दिन गोवर्धन पूजा, जो दीपावली के अगले दिन यानी कल बुधवार, 22 अक्टूबर 2025 को मनाई जाएगी। इसे अन्नकूट पर्व भी कहा जाता है और यह भगवान श्रीकृष्ण द्वारा प्रकृति की पूजा का संदेश देने वाला दिन माना जाता है।
कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 21 अक्टूबर शाम 5:54 बजे से शुरू होकर तिथि का समापन 22 अक्टूबर 22 अक्टूबर शाम 8:16 बजे होगी। इस पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 6:30 बजे से 8:47 बजे तक है। इस दिन प्रीति योग और लक्ष्मी योग भी होंगे, जो पूजा और मांगलिक कार्यों के लिए अत्यंत शुभ माने जाते हैं। पूजा का सही समय सूर्यास्त और अंधेरे के बीच होना चाहिए।
शास्त्रों और वेदों में इस दिन गोवर्धन पर्वत की पूजा के साथ-साथ बलि की पूजा, गौ-पूजा, अन्नकूट और वरुण, इंद्र, अग्निदेव आदि देवताओं की आराधना का विधान है। कहा जाता है कि जब देवराज इंद्र ने सात दिनों तक अखंड वर्षा कर ब्रजवासियों को परेशानी में डाल दिया था, तो भगवान कृष्ण ने अपनी अंगुली पर गोवर्धन पर्वत उठा कर उन्हें बचाया था। इस घटना से इंद्रजी लज्जित होकर क्षमायाचना करने को मजबूर हुए थे।
सुबह जल्दी उठकर सबसे पहले घर की सफाई करें, बाहर से अंदर की ओर झाड़ू लगाएं ताकि घर से सभी नकारात्मकता ऊर्जा और दरिद्रता दूर हो जाए। फिर श्रद्धा पूर्वक पूजा स्थल पर गोबर से छोटा पर्वत बनाएं, जिसे गोवर्धन पर्वत के रूप में पूजा करें। केसर-कुंकुम से तिलक लगाएं, अक्षत, पुष्प और नैवेद्य अर्पित करें। इसके बाद हाथ जोड़कर मां लक्ष्मी और भगवान कृष्ण से घर में सुख-समृद्धि और शांति की प्रार्थना करें।
गोवर्धन पूजा के दिन 56 प्रकार के पकवान (अन्नकूट) बनाकर भगवान श्रीकृष्ण और गोवर्धन महाराज को अर्पित करें। इससे जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है। धन वृद्धि के लिए पूजा के समय 5 गोमती चक्र और 5 कौड़ियां लेकर उन्हें लाल कपड़े में बांधकर तिजोरी में रख दें। सौभाग्य बढ़ाने के लिए हल्दी की गांठ, गुंजाफल, कौड़ी, 5 मुखी रुद्राक्ष लेकर पोटली बनाएं और पूजा के बाद मंदिर या तिजोरी में रखें।
पंचामृत (दूध, दही, शहद, शक्कर और घी) बनाकर उसमें गंगाजल और तुलसी मिलाएं। इसे शंख में भरकर भगवान कृष्ण को अर्पित करें। इसके बाद ‘क्लीं कृष्ण क्लीं’ मंत्र का 5 माला जाप करें। यह पंचामृत घर के सभी सदस्य ग्रहण करें। साथ ही इस दिन मंदिर में हरी सब्जियों का दान करें, कहा जाता है कि इससे संतान सुख की प्राप्ति होती है।