काल भैरव जयंती पर पूजन का शुभ मुहूर्त, भूलकर भी न करें ऐसे काम, नहीं तो इन राशियों पर पड़ सकता है बुरा प्रभाव

Kaal Bhairav Jayanti 2022 : हिन्दू पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन काल भैरव जयंती पर्व मनाई जाती है।

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  • Publish Date - November 15, 2022 / 06:41 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 02:35 PM IST

Kaal Bhairav Jayanti 2022

नई दिल्ली: Kaal Bhairav Jayanti 2022 – भगवान शिव के नामों में से एक नाम रौद्र भी है। जिनका  मार्गशीर्ष मास में पूजा-पाठ करने से विशेष लाभ मिलता है। इस मास में काल भैरव जयंती पर्व का भी विशेष महत्व है। बता दें कि काल भैरव देवता को भगवान शिव का रौद्र अवतार माना जाता है। लेकिन भगवान काल भैरव भोलेनाथ की तरह ही जब अपने भक्तों से प्रसन्न हो जाते हैं तो उसपर असीम कृपा की वर्षा करते हैं। हिन्दू पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन काल भैरव जयंती पर्व मनाई जाती है। इस वर्ष भगवान शिव के रौद्र रूप की पूजा 16 नवम्बर (Kaal Bhairav Jayanti 2022) के दिन की जाएगी।

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काल भैरव के जन्‍म की कहानी

Kaal Bhairav Jayanti 2022 : भगवान काल भैरव के जन्‍म की कहानी काफी रोचक है। पौराणिक कथाओं के अनुसार एक बार भगवान शिव, भगवान विष्णु और ब्रह्मा जी में बहस छिड़ गई कि तीनों में से सबसे श्रेष्ठ कौन है। जब फैसला नहीं हो पाया तो बात ऋषियों के पास पहुंची और उन्‍होंने भगवान शिव को सर्वश्रेष्ठ बताया। इसके बाद ब्रह्मा जी ने क्रोध में आकर भगवान शिव को अपशब्द बोल दिया। जिससे भगवान शिव क्रोधित हो गए और काल भैरव का जन्म हुआ। काल भैरव ने ब्रह्मा जी का एक सिर काट दिया। इसलिए भगवान शिव के इस रुद्र रूप के लिए माना गया है इससे काल भी डरता है। लिहाजा इसे काल भैरव कहा गया।

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काल भैरव जयंती तारीख और शुभ मुहूर्त

Kaal Bhairav Jayanti 2022 : काल भैरव जयंती 16 नवंबर 2022, बुधवार को मनाई जाएगी। हिंदू पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष महीने के कृष्‍ण पक्ष की अष्‍टमी तिथि 16 नवंबर 2022, बुधवा की सुबह 05:49 से प्रारंभ होकर 17 नवंबर 2022 की सुबह 07:57 बजे समाप्‍त होगी।

कालाष्‍टमी पर करें ये काम

– कालाष्‍टमी या काल भैरव जयंती के दिन भगवान भैरव के सामने सरसों के तेल का दीपक अवश्य जलाएं। इस दिन काल भैरव की विधि-विधान से पूजा करें। इस दौरान भगवान शिव की पूजा जरूर करें। इसके लिए बिल्व पत्रों पर चन्दन से ‘ॐ नमः शिवाय’ लिखकर शिवलिंग पर चढ़ाएं। इससे काल भैरव और भोलेनाथ प्रसन्‍न होकर आपकी मनोकामनाएं पूरी करेंगे।

-काल भैरव जयंती के दिन कुत्ते को भोजन दें। उसे मीठी रोटी और गुड़ के पुए खिलाने से जीवन के सारे कष्‍ट और परेशानियां दूर होंगी। कुत्‍ता, काल भैरव की सवारी है।

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काल भैरव जयंती के दिन न करें ये काम

– काल भैरव जयंती के दिन किसी असहाय व्‍यक्ति को परेशान न करें। ना ही किसी झूठ बोलें। इस दिन किसी कमजोर व्‍यक्ति को कष्‍ट देना आप पर बहुत भारी पड़ सकता है।

– काल भैरव जयंती के दिन कुत्ते, गाय आदि किसी भी बेजुबान जानवर को सताएं नहींं। ना ही बेजुबानों के साथ हिंसक व्यवहार करें।

– अनैतिक काम न करें। वरना काल भैरव जमकर दंड देते हैं।

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काल भैरव जयंती पर राशि अनुसार लोगों के लिए उपाय

मेष – मेष राशि वाले काल भैरव जयंती के दिन बैलपत्र पर लाल चंदन से ऊं नम: शिवाय लिखकर पूर्व की ओर मुख करके शिवलिंग पर चढ़ाएं। कहते हैं इससे आर्थिक स्थिति में सुधार होता है।

वृषभ – काल भैरव जंयती पर वृषभ राशि वाले भैरवनाथ के मंदिर में जाकर सुबह के समय कालभैरवाष्टक का पाठ करें। मान्यता है इससे बुरी शक्तियां आसपास भी नहीं भटकती।

मिथुन – ज्योतिष शास्त्र के अनुसार काल भैरव जयंती पर मिथुन राशि वालों को पांच या सात नींबू की माला बनाकर काल भैरव को चढ़ानी चाहिए. कहते हैं इससे वैवाहिक जीवन में मधुरता आती है। घर से नकारात्मकता दूर होती है।

कर्क –  कर्क राशि वाले इस दिन बाबा भैरव के समक्ष सरसों के तेल का दीपक लगाकर ॐ कालभैरवाय नम: मंत्र का जाप करें। मान्यता है इससे ग्रह बाधा और शत्रु बाधा से राहत मिलती है।

सिंह –  सिंह राशि के लोग काल भैरव जयंती पर गरीब और असहाय लोगों को गेंहूं, गर्म कपड़े, कंबल का दान करें। ये उपाय व्यक्ति के रोगों को खत्म करने में मदद करता है।

कन्या – भूत,प्रेत एवं ऊपरी बाधाओं से परेशान हैं तो कन्या राशि के लोग इस दिन शिवलिंग का जलाभिषेक करें और शिवलिंग के सामने बाबा भैरव का ध्यान कर श्री भैरव स्तुती का पाठ करें।

तुला – कालाष्टमी के दिन तुला राशि के जातक को चमेली का तेल और सिंदूर काल भैरव को अर्पित करना चाहिए। इससे धन लाभ के योग बनते हैं।

वृश्चिक – दुश्मनों पर जीत प्राप्त करने के लिए काल भैरव जयंती पर वृश्चिक राशि के लोगों को श्री भैरव चालीसा का पाठ करना चाहिए. इससे शत्रु शांत होता है।

 

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