Publish Date - July 22, 2024 / 06:54 PM IST,
Updated On - July 22, 2024 / 06:54 PM IST
18 June Horoscope 2025/Kalashtami/Image Credit: IBC24 File
Kalashtami Vrat 2024: हिंदू धर्म में मासिक कालाष्टमी का बहुत महत्व माना जाता है। सावन महीने में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी मनाई जाती है। धार्मिक मान्यता है कि इस शुभ तिथि के मौके पर कालभैरव की पूजा-पाठ करने से दुख-दरिद्रता से छुटकारा मिलता है। ऐसे में अगर आप भी कालाष्टमी का व्रत रखने जा रहे हैं तो मुहूर्त, पूजा विधि और इस दिन किए जाने वाले उपायों के बारे में जरूर जान लें…
हिंदू पंचांग के मुताबिक, सावन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 27 जुलाई दिन शनिवार को रात 9 बजकर 20 मिनट पर शुरू होगी और 28 जुलाई दिन रविवार को रात 7 बजकर 27 पर समाप्त होगी। ऐसे में उदयातिथि के अनुसार, कालाष्टमी का पर्व 28 जुलाई दिन रविवार को मनाया जाएगा।
कालाष्टमी पूजा विधि (Kalashtami Puja Vidhi)
कालाष्टमी के दिन प्रातःकाल में स्नान कर साफ कपड़े धारण करें।
इसके बाद पूजा स्थान को अच्छी तरह साफ करें और फिर एक वेदी पर भैरव बाबा की प्रतिमा स्थापित करें।
फिर पंचामृत से कालभैरव की प्रतिमा का अभिषेक करें और इत्र लगाएं।
भगवान के समक्ष सरसों के तेल का दीपक जलाएं और काल भैरव अष्टक करें।
इसके बाद फूलों की माला अर्पित करें, साथ ही चंदन का तिलक लगाएं।
भगवान काल भैरव को फल, मिठाई, घर पर बने प्रसाद का भोग लगाएं।
आखिर में आरती से पूजा को समाप्त करें और अंत में पूजा में हुई गलतियों के लिए क्षमायाचना करें।
अगले दिन व्रती इसी प्रसाद से अपना व्रत खोलें और जरूरतमंदों को भोजन खिलाएं।
कालाष्टमी के दिन करें ये उपाय (Kalashtami Upay)
कालाष्टमी के दिन सरसों के तेल में चुपड़ी हुई रोटी काले कुत्ते को डालें और ‘ऊँ ह्रीं बटुकाय आपद्उद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ऊँ’ मंत्र का 5 बार जाप करें।
कालाष्टमी के दिन भैरव मन्दिर में जाकर भैरव बाबा को सवा सौ ग्राम साबुत उड़द चढ़ाएं। इसके बाद उसमें से 11 उड़द के दाने गिनकर अलग निकाल लें और उन्हें एक काले कपड़े में बांधकर तिजोरी में रख दें। ऐसा करना से आपको व्यापार में सफलता जरूर मिलेगी।
कालाष्टमी के दिन काल भैरव को शराब अर्पित करें। इस दिन आप चाहें तो भगवान बटुक भैरव को कच्चा दूध भी अर्पित कर सकते हैं। इसके अलावा हलुआ, पूरी और मदिरा उनके प्रिय भोग हैं। इमरती, जलेबी और 5 तरह की मिठाइयां भी अर्पित की जाती हैं।
कालाष्टमी के दिन बाबा काल भैरव की आराधना करें। ऐसा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
ग्रहों के दोषों से मुक्ति पाने के लिए कालाष्टमी के दिन दान करें। इससे पापों का नाश होगा और कालभैरव का आशीर्वाद भी मिलेगा।
वैवाहिक जीवन में अगर कोई परेशानी आ रही है तो कालाष्टमी के दिन जरूरमंदो को खास चीजों का दान करें। इससे आपका रिश्ता मजबूत होगा।