Devshayani Ekadashi 2025: आज से चार माह के लिए योगनिद्रा में जाएंगे जगत के पालनहार, शाम के समय करें ये उपाय, बरसेगी मां लक्ष्मी की कृपा
Devshayani Ekadashi 2025: आज से चार माह के लिए योगनिद्रा में जाएंगे जगत के पालनहार, शाम के समय करें ये उपाय, बरसेगी मां लक्ष्मी की कृपा
Devshayani Ekadashi 2025/ Image Credit: IBC24 File
- देवशयनी एकादशी आज।
- आज से चार माह के लिए योगनिद्रा में जाएंगे भगवान विष्णु।
- आज के दिन धन से जुड़े उपाय करने से घर में मां लक्ष्मी का वास होता है।
नई दिल्ली। Devshayani Ekadashi 2025: आज यानी 6 जुलाई को सुहागन महिलाएं देवशयनी एकादशी का व्रत रख रखकर भगवान विष्णु की पूजा कर रही है। आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को देवशयनी एकादशी कहा जाता है। देवशयनी एकादशी के दिन से भगवान विष्णु चार महीने के लिए क्षीरसागर में योगनिद्रा में चले जाते हैं। यह अवधि चातुर्मास कहलाती है, जिसका अर्थ है ‘चार मास’। ऐसे में किए गए कुछ उपाय आपके लिए लाभकारी साबित हो सकते हैं। तो चलिए जानते हैं वो कौन से उपाय है।
करें ये उपाय
बता दें कि, देवशयनी एकादशी के दिनप शाम के समय मां लक्ष्मी के सामने घी या तिल के तेल का दीपक जलाएं। उन्हें कमल का फूल, इत्र, मखाने की माला अर्पित करें और श्री-सूक्त मंत्र पाठ करें। साथ ही कपूर से आरती करें। कहा जाता है कि ऐसा करने से घर में मां लक्ष्मी का वास होता है और जीवन में कभी धन की कमी नहीं होती है।
देवशयनी एकदशी का महत्व
Devshayani Ekadashi 2025: बता दें कि, आषाढ़ माह की एकादशी पर भगवान विष्णु के शयन करते हैं। देवशयनी एकादशी के दिन से भगवान विष्णु का शयनकाल प्रारम्भ हो जाता है इसलिए इसे देवशयनी एकादशी कहते हैं। भगवान विष्णु चार महीनों तक क्षीरसागर में शेषनाग की शैय्या शयन करते हैं और कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की प्रबोधिनी एकादशी के दिन जागतें हैं। यह चार महीने ‘चातुर्मास’ कहलाते हैं, इस दौरान शुभ काम जैसे विवाह, गृहप्रवेश आदि वर्जित माने जाते हैं। इस दिन विधिपूर्वक भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। वहीं भगवान विष्णु के शयनकाल में जाने के बाद सृष्टि के संचालन का कार्यभार भगवान शिव संभालते हैं, इसलिए चातुर्मास के चार महीनों में विशेषरूप से शिवजी की भी उपासना की जाती है।

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