Maha Surya Grahan Date
Maha Surya Grahan: सूर्य ग्रहण वो दुर्लभ क्षण है जब चंद्रमा सूर्य को अपने आगोश में ले लेता है और पृथ्वी पर दिन को अचानक से रात में बदल देता है यां यूँ कहें कि वो क्षण है जब ब्रह्मांड हमें अपनी शक्ति का एहसास कराता है। 21वीं सदी का सबसे लंबा पूर्ण सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है यह ग्रहण 6 मिनट 23 सेकंड तक चलेगा। ये एक ऐसा दृश्य होगा, जो लाखों – करोड़ों लोगों को आश्चर्य, भय और आनंद से भर देगा।
21वीं सदी का सबसे लंबा पूर्ण सूर्य ग्रहण 22 जुलाई 2009 को लगा था (6 मिनट 39 सेकंड) लेकिन अब 2 अगस्त 2027 को 21वीं सदी का दूसरा सबसे शक्तिशाली और लंबा पूर्ण सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है, जो पृथ्वी को अपने आगोश में ले लेगा।
21वीं सदी का दूसरा सबसे लंबा पूर्ण सूर्य ग्रहण दक्षिणी स्पेन, मोरक्को, लीबिया, सूडान, सऊदी, मिस्र, अरब, अल्जीरिया, ट्यूनीशिया और यमन में दिखाई देगा। तो वहीं मिस्र के लक्सर शहर(कर्णक मंदिर) में सबसे अधिक समय तक यानी 6 मिनट 23 सेकंड तक लगा रहेगा।
नासा के अनुसार, यह ग्रहण सरोस 136 चक्र का हिस्सा है, जो हर 18 साल में दोहराता है। यह ग्रहण इसलिए विशेष है क्योंकि चंद्रमा उस समय पृथ्वी के सबसे करीब होगा, जिससे वह बड़ा दिखेगा और सूर्य सबसे दूर होगा, जिससे वे छोटा दिखेगा। भूमध्य रेखा के निकट होने से छाया की गति धीमी पड़ने लगेगी, जिससे अवधि लंबी हो जाएगी।
हाँ, 21वीं सदी का दूसरा सबसे लंबा पूर्ण सूर्य ग्रहण दिखेगा लेकिन आंशिक रूप (Partial Solar Eclipse) से, पूर्ण अंधेरा (Totality) कहीं नहीं दिखेगा, लेकिन पश्चिमी और उत्तर-पश्चिमी भारत में 10% से 30% सूर्य का ढकाव होगा। नासा के अनुसार, यह ग्रहण दक्षिण एशिया के पूर्वी हिस्सों को छुयेगा, लेकिन भारत में केवल चंद्रमा की छाया का किनारा (Penumbral Shadow) ही दिखेगा।
वैदिक ज्योतिषानुसार, हर सूर्य ग्रहण को अशुभ माना जाता है क्योंकि सूर्य, राहु-केतु की छाया में आता है इसलिए ग्रहण की दौरान मंदिरों के पट भी बंद कर दिए जाते हैं। जितना हो सके ईश्वर के नाम का जाप करना चाहिए।
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