Pitru Paksha 2022 : इस दिन से शुरु हो रहे हैं श्राद्धपक्ष, श्राद्ध करते समय भूलकर भी ना करें ये गलतियां

Pitru Paksha 2022 : इस दिन से शुरु हो रहे हैं श्राद्धपक्ष, श्राद्ध करते समय ना करें ये don't make these mistakes

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  • Publish Date - September 7, 2022 / 07:20 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 11:40 AM IST

इस बार पितृ पक्ष 16 दिन का होगा। ऐसे में इस दौरान कुछ कार्यों से परहेज करने के साथ-साथ कुछ चीजों को ध्यान में रखना आवश्यक होता है। पितृ पक्ष के श्राद्ध में इन कार्यों को करने से पितरों का आशीर्वाद मिलता है।

Pitru Paksha 2022: नई दिल्ली। मान्याताओं के अनुसार, हिन्दू धर्म में पितृपक्ष का काफी महत्व है। पितृ पक्ष पर पितरों की मुक्ति के लिए कार्य किए जाते हैं। ये पूर्वजों को ये बताना का एक तरीका है कि वो अभी भी परिवार का एक अनिवार्य हिस्सा हैं। पितृ पक्ष 15 दिन तक चलते हैं। पितरों की शांति के निमित्त किए जाने वाले तर्पण, पिंडदान, श्राद्ध, दान आदि के लिए श्राद्धपक्ष सबसे उत्तम समय होता है।

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Pitru Paksha 2022: भाद्रपद पूर्णिमा से आश्विन अमावस्या तक वर्ष के ये 16 दिन पितर पृथ्वी पर निवास करते हैं और अपने अग्रजों से भोजन, जल ग्रहण करके अच्छे आशीर्वाद देते हैं। श्राद्ध पद्ध पूर्णिमा 10 सितंबर 2022 से प्रारंभ होकर 25 सितंबर सर्वपितृ अमावस्या पर पूर्ण होंगे। इसमें हर दिन अलग-अलग तिथियों पर पितरों की मृत तिथि के अनुसार श्राद्ध किया जाता है।

पितृ पक्ष में श्राद्ध की तिथियां
पूर्णिमा श्राद्ध : 10 सितंबर 2022:
प्रतिपदा श्राद्ध : 10 सितंबर 2022
द्वितीया श्राद्ध : 11 सितंबर 2022
तृतीया श्राद्ध : 12 सितंबर 2022
चतुर्थी श्राद्ध : 13 सितंबर 2022
पंचमी श्राद्ध : 14 सितंबर 2022
षष्ठी श्राद्ध : 15 सितंबर 2022
सप्तमी श्राद्ध : 16 सितंबर 2022
अष्टमी श्राद्ध: 18 सितंबर 2022
नवमी श्राद्ध : 19 सितंबर 2022
दशमी श्राद्ध : 20 सितंबर 2022
एकादशी श्राद्ध : 21 सितंबर 2022
द्वादशी श्राद्ध: 22 सितंबर 2022
त्रयोदशी श्राद्ध : 23 सितंबर 2022
चतुर्दशी श्राद्ध: 24 सितंबर 2022
अमावस्या श्राद्ध: 25 सितंबरर 2022

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Pitru Paksha 2022: पितृपक्ष पर भूल से भी ना करें ये गलतियां
– हिंदू शास्त्रों के अनुसार प्याज और लहसुन को ‘तामसिक’ माना जाता है, जो हमारी इंद्रियों को प्रभावित करती है। पितृपक्ष की अवधि के दौरान, खाने में प्याज-लहसुन का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए।

– पितृपक्ष के दौरान कोई भी जश्न या उत्सव नहीं मनाना चाहिए और ना ही इसका हिस्सा बनना चाहिए। इस अवधि में किसी भी तरह का जश्न मनाने से आपके पूर्वजों के प्रति आपकी श्रद्धा प्रभावित होती है।

– पितृपक्ष की अवधि को अशुभ माना जाता है। इस दौरान परिवार के सदस्यों को कुछ भी नई चीज नहीं खरीदनी चाहिए।

– पितृपक्ष का समय पूर्वजों को समर्पित है, इसलिए इस अवधि में शराब या मांसाहारी भोजन के सेवन से बचना चाहिए।

– पितृपक्ष के दौरान नाखून काटने, बाल कटवाने और दाढ़ी बनवाने से बचना चाहिए।

 

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