Guru Pradosh Vrat: नई दिल्ली। प्रदोष व्रत भगवान शिव का विशेष आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए रखा जाता है। हर महीने कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास का दूसरा प्रदोष व्रत 8 सितंबर, गुरुवार को रखा जाएगा। प्रदोष व्रत पर गुरुवार का संयोग बनने की वजह से यह गुरु प्रदोष व्रत है।
धार्मिक मान्यता के अनुसार, जो भक्त विधिपूर्वक व्रत रखते हैं और प्रदोष काल में भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करते हैं, उन्हें सुखी वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसके साथ ही इस व्रत के प्रभाव से सुख-समृद्धि और सौभाग्य में बढ़ोतरी होती है।
Read more: आज भूलकर भी न करें ये काम, नहीं तो रूठ जाएंगे गणपति बप्पा…
गुरु प्रदोष व्रत के शुभ मुहूर्त
Guru Pradosh Vrat: पंचांग के अनुसार, भाद्रपद शुक्ल पक्ष की त्रियोदशी तिथि 8 सितंबर को सुबह 12 बजकर 04 मिनट से आरंभ हो रही है। इस दिन त्रियोदशी तिथि की समाप्ति 9 बजकर 02 मिनट पर होगी। प्रदोष व्रत के दौरान भगवान शिव की पूजा प्रदोष काल में की जाती है।
प्रदोष काल सूर्यास्त से 45 मिनट पहले और सूर्यास्त के 45 मिनट बाद तक का समय होता है। गुरु प्रदोष व्रत की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 8 सितंबर को शाम 6 बजकर 40 मिनट से रात 8 बजकर 58 मिनट तक है। पूजा के लिए 2 घंटे 18 मिनट का समय मिलेगा।
प्रदोष व्रत पूजा विधि
Guru Pradosh Vrat: गुरु प्रदोष व्रत के दिन सुबह उठकर स्नानादि करने के बाद शिव जी के सामने दीपक प्रज्वलित कर प्रदोष व्रत का संकल्प लें। संध्या समय शुभ मुहूर्त में पूजन आरंभ करें। गाय के दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल आदि से शिवलिंग का अभिषेक करें। फिर शिवलिंग पर श्वेत चंदन लगाकर बेलपत्र, मदार, पुष्प, भांग, आदि अर्पित करें। फिर विधिपूर्वक पूजन करें।
शनिदेव की कृपा से बन रहा खास योग, चमक उठेगी…
9 hours ago12 साल बाद मोहिनी एकादशी पर एक साथ बन रहे…
12 hours ago