Publish Date - May 27, 2025 / 03:04 PM IST,
Updated On - May 27, 2025 / 03:05 PM IST
Rambha Teej Vrat 2025/Image Credit: Meta AI
HIGHLIGHTS
29 मई को रखा जाएगा रंभा तीज का व्रत
यह व्रत हर साल ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को रखा जाता है
इस दिन अप्सरा रंभा की पूजा की जाती है, जो सौंदर्य, सौभाग्य और युवावस्था की प्रतिक है
Rambha Teej Vrat 2025: हिंदू धर्म में हर हर तीज-त्योहार की विशेष महत्व होता है। मई का महीना खत्म होने वाला है। आज शनि जयंति है। वहीं महीने के अंत में अब रंभा तीज पड़ने वाला है, लेकिन इसे लेकर लोगों में थोड़ा कंफ्यूजन है। रंभा तीज का व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए बेहद खास माना जाता है। बता दें कि, यह व्रत हर साल ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को रखा जाता है। इस दिन अप्सरा रंभा की पूजा की जाती है, जो सौंदर्य, सौभाग्य और युवावस्था की प्रतिक है। कहा जाता है कि, इस व्रत को रखने से वैवाहिक जीवन में खुशहाली आती है, पति को लंबी आयु और सुख-समृद्धि मिलती है और कुंवारी लड़कियों को मनचाहा वर प्राप्त होता है। ऐसे में अगर आप ये ल्रत रखना चाहती हैं तो सही दिन, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में जरूर जाने लें..
कब रखा जाएगा रंभा तीज का व्रत? (Rambha Teej Vrat 2025 Kab Hai)
ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि का आरंभ 28 मई, बुधवार को रात 1 बजकर 54 मिनट पर होगा। वहीं, इसका समापन 29 मई, गुरुवार के दिन रात 11 बजकर 18 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के मुताबिक, रंभा तीज का व्रत 29 मई को रखा जाएगा।
ये कंफ्यूजन तो दूर हो गया की रंभा तीज यानी कि 29 मई को मनाई जाएगी। अब बात करें शुभ महूर्त की तो ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4:03 बजे से 4:44 बजे तक है, जिसमें व्रती महिलाएं पवित्र नदी में स्नान और दान जैसे पुन्य कर्म कर सकती हैं। इसके अलावा, इस दिन अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:51 मिनट से 12:46 मिनट तक रहेगा, जिसमें रंभा तीज की पूजा करने से शुभ फल की प्राप्ति होगी।
रंभा तीज पूजा विधि (Rambha Teej Vrat 2025 Puja Vidhi)
रंभा तीज के दिन सबसे पहले ब्रह्म मुहूर्त में उठें और अपने नित्य कर्मों से निवृत्त होकर गंगाजल मिले पानी से स्नान करें।
इसके बाद लाल, गुलाबी या हरे रंग के साफ-सुथरे वस्त्र पहनें। इस दिन सोलह श्रृंगार करना बहुत शुभ माना जाता है।
अब पूजा स्थान पर बैठकर हाथ में जल लेकर अपने व्रत का संकल्प लें।
ध्यान रहें कि आपका मुख पूर्व दिशा की ओर हो।
अब एक चौकी या पटरे पर लाल या पीला कपड़ा बिछाएं। भगवान शिव और माता पार्वती की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें। साथ ही, अप्सरा रंभा की मूर्ति या चित्र भी रखें।
इसके बाद गाय के शुद्ध घी का दीपक जलाएं। भगवान शिव और माता पार्वती को फूल, फल, धूप, दीप, अक्षत (चावल), रोली, चंदन, भांग, धतूरा, दूध, दही और पंचामृत अर्पित करें।
अप्सरा रंभा को सौंदर्य से जुड़ी चीजें जैसे सिंदूर, मेहंदी, चूड़ियां, बिंदी और अन्य सुहाग की सामग्री अर्पित करें।
इसके बाद, पूजा के दौरान देवी रंभा को गेहूं, अनाज और लाल फूल भी चढ़ाएं।
पूजा के दौरान ‘ॐ रं रं रंभा रं रं देवी’ मंत्र का 108 बार जाप रुद्राक्ष या स्फटिक की माला से करें।
रंभा तीज व्रत की कथा पढ़ें या सुनें, फिर पूजा के बाद देवी रंभा की आरती करें और घर के सदस्यों को प्रसाद बांटे।
यह व्रत ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को रखा जाता है। इस वर्ष यह व्रत 29 मई को है।
रंभा तीज का व्रत कौन रखता है और क्यों?
यह व्रत मुख्यतः सुहागिन महिलाएं और कुंवारी लड़कियाँ रखती हैं। इसका उद्देश्य वैवाहिक जीवन में सुख-शांति, पति की लंबी उम्र और मनचाहा जीवनसाथी प्राप्त करना होता है।
इस दिन किस देवी या शक्ति की पूजा की जाती है?
इस दिन अप्सरा रंभा की पूजा की जाती है, जो सौंदर्य, सौभाग्य और यौवन की प्रतीक मानी जाती हैं।