Sankashti Chaturthi 2024
नई दिल्ली: Sankashti Chaturthi 2024 विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी का खास महत्व है। हिंदू पंचांग के अनुसार, विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी आश्विन मास के कृष्ण पक्ष पड़ता है। यह दिन भगवान गणेश की पूजा के लिए समर्पित है। इस दिन भगवान गणेश के लिए व्रत रखा जाता है। ज्योतिष के अनुसार इस बार विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी आज शनिवार 21 सिंतर को है। आज भगवान गणेश जी की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
Sankashti Chaturthi 2024 आश्विन मास की चतुर्थी तिथि 20 सितंबर यानी कल रात 9 बजकर 15 मिनट पर शुरू हो चुकी है और तिथि का समापन 21 सितंबर यानी आज शाम 6 बजकर 13 मिनट पर होगा।
श्रीगणेश की पूजा का समय- सुबह 7 बजकर 40 मिनट से सुबह 9 बजकर 11 मिनट तक
शाम की पूजा- शाम 6 बजकर 19 मिनट से रात 7 बजकर 47 मिनट तक
इस दिन सबसे पहले सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें. फिर साफ सुथरे वस्त्र धारण करें। उसके बाद पूजा घर के ईशान कोण में एक चौकी रखें. उसपर लाल या पीले रंग का कपड़ा बिछाकर भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करें। फिर, गणेश जी का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें।
ॐ सिन्दूर-वर्णं द्वि-भुजं गणेशं लम्बोदरं पद्म-दले निविष्टम् .
ब्रह्मादि-देवैः परि-सेव्यमानं सिद्धैर्युतं तं प्रणामि देवम् ..
सृष्ट्यादौ ब्रह्मणा सम्यक् पूजितः फल-सिद्धए .
सदैव पार्वती-पुत्रः ऋण-नाशं करोतु मे ..
त्रिपुरस्य वधात् पूर्वं शम्भुना सम्यगर्चितः .
सदैव पार्वती-पुत्रः ऋण-नाशं करोतु मे ..
हिरण्य-कश्यप्वादीनां वधार्थे विष्णुनार्चितः .
सदैव पार्वती-पुत्रः ऋण-नाशं करोतु मे ..
महिषस्य वधे देव्या गण-नाथः प्रपुजितः .
सदैव पार्वती-पुत्रः ऋण-नाशं करोतु मे ..
तारकस्य वधात् पूर्वं कुमारेण प्रपूजितः .
सदैव पार्वती-पुत्रः ऋण-नाशं करोतु मे ..
भास्करेण गणेशो हि पूजितश्छवि-सिद्धए .
सदैव पार्वती-पुत्रः ऋण-नाशं करोतु मे ..
शशिना कान्ति-वृद्धयर्थं पूजितो गण-नायकः .
सदैव पार्वती-पुत्रः ऋण-नाशं करोतु मे ..
पालनाय च तपसां विश्वामित्रेण पूजितः .
सदैव पार्वती-पुत्रः ऋण-नाशं करोतु मे ..
इदं त्वृण-हर-स्तोत्रं तीव्र-दारिद्र्य-नाशनं,
एक-वारं पठेन्नित्यं वर्षमेकं सामहितः .
दारिद्र्यं दारुणं त्यक्त्वा कुबेर-समतां व्रजेत् ..