50 साल बाद अक्षय तृतीया पर बन रहा विशेष संयोग, कर लें ये उपाय, एक के बाद एक बनेंगे बिगड़े काम

50 साल बाद अक्षय तृतीया पर बन रहा विशेष संयोग, कर लें ये उपायः Special coincidence on Akshaya Tritiya after 50 years

50 साल बाद अक्षय तृतीया पर बन रहा विशेष संयोग, कर लें ये उपाय, एक के बाद एक बनेंगे बिगड़े काम
Modified Date: November 29, 2022 / 07:18 pm IST
Published Date: April 22, 2022 12:54 pm IST

Special coincidence on Akshaya Tritiya हिंदू धर्म में अक्षय तृतीया का विशेष महत्व बताया गया है। ये दिन शुभ और मांगलिक कार्यों के लिए बेहद शुभ होता है। अक्षय तृतीया का दिन वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के दिन मनाया जाता है। इस दिन को शादी-विवाह, गृह प्रवेश, नया घर-गाड़ी खरीदने के लिए अबूझ मुहूर्त माना गया है। यह पूरा दिन शुभ कार्य करने के लिए उत्‍तम माना गया है। इस साल 3 मई को अक्षय तृतीया मनाई जाएगी,

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Special coincidence on Akshaya Tritiya इस बार अक्षय तृतीय मंगल रोहिणी नक्षत्र के शोभन योग में मनाई जाएगी। ऐसे शुभ योग अक्षय तृतीया मनाने का संयोग 30 साल बाद बना है, तो वहीं 50 साल बाद इस दिन ग्रहों की स्थिति भी बेहद खास रहने वाली है।>>*IBC24 News Channel के WhatsApp  ग्रुप से जुड़ने के लिए Click करें*<<

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अक्षय तृतीया पर चंद्रमा अपनी उच्च राशि वृषभ में और शुक्र अपनी उच्च राशि मीन में रहेंगे। इसके अलावा शनि अपनी ही राशि कुंभ में और देवगुरु बृहस्पति अपनी ही राशि मीन में रहेंगे। यानी कि 4 ग्रहों का ऐसी अनुकूल स्थिति में होना बहुत ही खास और शुभ है। इन शुभ संयोग में कोई भी शुभ या मंगल कार्य करना बहुत अच्‍छा फल देगा।

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अक्षय तृतीया पर जरूर करें दान
ग्रह-नक्षत्रों की ऐसी शुभ स्थिति के चलते अक्षय तृतीया के दिन दान करना बहुत पुण्‍य देगा। साथ ही जीवन के विभिन्‍न क्षेत्रों में शुभ फल भी मिलेंगे। अक्षय तृतीया के दिन जल से भरे कलश पर फल रखकर दान करना बहुत ही शुभ रहेगा। इसके लिए 2 कलश दान करना चाहिए। एक कलश पितरों के नाम पर और दूसरा भगवान विष्‍णु के नाम से दान करना चाहिए। ऐसा करने से पितृ और भगवान विष्‍णु दोनों प्रसन्‍न होते हैं और घर में सुख-शांति आती है।


लेखक के बारे में

सवाल आपका है.. पत्रकारिता के माध्यम से जनसरोकारों और आप से जुड़े मुद्दों को सीधे सरकार के संज्ञान में लाना मेरा ध्येय है। विभिन्न मीडिया संस्थानों में 10 साल का अनुभव मुझे इस काम के लिए और प्रेरित करता है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रानिक मीडिया और भाषा विज्ञान में ली हुई स्नातकोत्तर की दोनों डिग्रियां अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने के लिए गति देती है।