Sawan Pradosh Vrat 2025: इस दिन रखा जाएगा सावन का पहला प्रदोष व्रत, जानें क्या है इसकी सही तिथि और पूजा का शुभ मुहूर्त

Sawan Pradosh Vrat 2025: इस दिन रखा जाएगा सावन का पहला प्रदोष व्रत, जानें क्या है इसकी सही तिथि और पूजा का शुभ मुहूर्त

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  • Publish Date - July 3, 2025 / 09:45 AM IST,
    Updated On - July 3, 2025 / 09:47 AM IST

Sawan Pradosh Vrat 2025/ Image Credit: Freepik

HIGHLIGHTS
  • 22 जुलाई को रखा जाएगा सावन का पहला प्रदोष व्रत।
  • मंगलवार के दिन पड़ने की वजह से इस भौम प्रदोष व्रत कहा जाएगा।
  • इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है।

नई दिल्ली। Sawan Pradosh Vrat 2025: इस साल 11 जुलाई से सावन का माह शुरू होने वाला है। सावन का महीना देवों के देव महादेव को प्रिय है। इस दौरान भगवान शिव की पूजा-अर्चना की जाती है। एक महीने तक भगवान शिव का रूद्राभिषेक किया जाता है। जिसका समापना 9 अगस्त को होगा। इस बीच सावन का पहला प्रदोष व्रत रखा जाएगा। मंगलवार के दिन पड़ने के चलते यह भौम प्रदोष व्रत कहलाएगा। इस व्रत को करने से आर्थिक तंगी दूर होती है। साथ ही घर में सुख, समृद्धि एवं खुशहाली आती है। तो चलिए जानते हैं इसकी पूजा विधि क्या है।

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तिथि और शुभ मुहूर्त

दरअसल, सावन माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 22 जुलाई को सावन माह का पहला प्रदोष है। जो सुबह 07 बजकर 04 मिनट में प्रारंभ होगा और अगले दिन 23 जुलाई त्रयोदशी तिथि सुबह 04 बजकर 38 मिनट पर खत्म होगा।

पूजा विधि

व्रत वाले दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद महादेव का स्मरण कर व्रत का संकल्प ले। इस दिन भक्त भगवान शिव के मंदिर सुबह के समय भी जाते हैं लेकिन प्रदोष व्रत की असल पूजा रात के समय ही संपन्न की जाती है। प्रदोष व्रत की पूजा के लिए दिनभर व्रत रखा जाता है और शाम के समय शिवलिंग पर गंगाजल से अभिषेक किया जाता है और शिवलिंग के समक्ष धतूरा, भांग, सफेद फूल और फल आदि अर्पिक किए जाते हैं। पूजा करने के बाद भगवान भोलनाथ को फल या मिठाई का भोग लगाएं और प्रदोष व्रत की कथा का पाठ करें और कथा पूरी होने के बाद आरती करके पूजा कर समापन करें।

भौम प्रदोष व्रत का महत्व

Sawan Pradosh Vrat 2025:  भौम प्रदोष व्रत के लाभ से घर में सुख- समृद्धि की प्राप्ति होती है। साथ ही अगर कुंडली में भौम दोष हो तो इस दिन व्रत रखने से मंगल ग्रह के अशुभ प्रभाव में कमी आती है। साथ ही हनुमान जी की कृपा प्राप्त होती है।