Surya Grahan 2023: इस दिन लगेगा साल का आखिरी सूर्यग्रहण, जानें सूतक काल, टाइमिंग और इस खगोलीय घटना से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें

The last solar eclipse of the year साल के पहले सूर्य ग्रहण के बाद अब साल का दूसरा और अंतिम सूर्य ग्रहण 14 अक्टूबर शनिवार को लगने जा रहा है।

  •  
  • Publish Date - October 5, 2023 / 02:42 PM IST,
    Updated On - October 5, 2023 / 02:42 PM IST

The last solar eclipse of the year

Solar eclipse on 14 October: साल के पहले सूर्य ग्रहण के बाद अब साल का दूसरा और अंतिम सूर्य ग्रहण 14 अक्टूबर 2023, शनिवार को लगने जा रहा है। एक तरफ जहां इस दिन सर्व पितृ अमावस्या है तो वहीं साल का आखिरी सूर्य ग्रहण इसी दिन लगने जा रहा है। ज्योतिष शास्त्र में सूर्य ग्रहण को एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना माना जाता है।

Read more: SECR Trains Cancelled: पितृपक्ष में बढ़ी यात्रियों की मुश्किलें.. बिलासपुर से गुजरने वाली लगभग तीन दर्जन ट्रेनें हुई रद्द, यहां देखें पूरी लिस्ट 

इसके साथ ही इसका आध्यात्मिक महत्व भी बताया जाता है, जिसका व्यक्ति के जीवन पर सकारात्मक और नकारात्मक, दोनों तरह का प्रभाव पड़ता है। इस दिन लगने वाला सूर्य ग्रहण वलयाकार या कंकणाकृति ग्रहण माना जा रहा है। सूर्य को ग्रहण तब लगता है, जब चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है।

सूर्य ग्रहण की तिथि और समय

साल का दूसरा सूर्य ग्रहण 14 अक्टूबर 2023, शनिवार को लगने जा रहा है। यह ग्रहण भारतीय समयानुसार रात 08.34 बजे से शुरु होगा और रात 02.25 बजे समाप्त होगा। यह ग्रहण कन्या राशि और चित्रा नक्षत्र में लगने वाला है। भारतीय समयानुसार, रात में यह ग्रहण लग रहा है, जिसके कारण भारत में इस खगोलीय घटना को नहीं देखा जा सकेगा, इसलिए इस ग्रहण का सूतक काल नहीं माना जाएगा।

सूर्य ग्रहण कहां-कहां आएगा नजर

साल का दूसरा व अंतिम सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। इस खगोलीय घटना को दक्षिण अमेरिका के क्षेत्रों को छोड़कर उत्तरी अमेरिका, कनाडा, ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड, ग्वाटेमाला, मैक्सिको, अर्जेंटीना, कोलंबिया, क्यूबा, बारबाडोस, पेरू, उरुग्वे, एंटीगुआ, पराग्वे, वेनेजुएला, जमैका, हैती, डोमिनिका, ब्राजील, बहामास इत्यादि जगहों पर देखा जा सकेगा।

सूतक काल मान्य या अमान्य

आमतौर पर सूर्य ग्रहण लगने से करीब 12 घंटे पहले सूतक काल लग जाता है और सूतक काल में पूजा-पाठ करना वर्जित माना जाता है। इस अवधि में भगवान की मूर्तियों को स्पर्श करने की मनाही होती है। हालांकि सूतक काल का पालन करना तभी जरूरी होता है, जब ग्रहण भारत में दिखाई दे। इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा।

Read more: SBI Jobs 2023: SBI ने निकाली इन पदों पर बंपर भर्ती, तुरंत देखें डिटेल्स, नहीं तो निकल जाएगा हांथ से मौका 

वलयाकार या कंकणाकृति सूर्य ग्रहण

Solar eclipse on 14 October: जब सूर्य और पृथ्वी के बीच चंद्रमा आ जाता है तो इस खगोलीय घटना को सूर्य ग्रहण कहा जाता है। ऐसे में भी जब चंद्रमा धरती से काफी दूर रहते हुए पृथ्वी और सूर्य के बीच आता है तो इसे वलयाकार या कंकणाकृति सूर्य ग्रहण कहा जाता है। इस ग्रहण में चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह से ढक नहीं पाता है और धरती से देखने पर सूर्य का बाहरी हिस्सा किसी कंगन की तरह चमकता हुआ दिखाई देता है।

 

छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में किसकी सरकार बनाएंगे आप, इस सर्वे में क्लिक करके बताएं अपना मत

IBC24 की अन्य बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करें

Follow the IBC24 News channel on WhatsApp