These 3 zodiac signs will become rich on Dwijapriya Sankashti Chaturthi
Vinayaki Ganesh Chaturthi सावन का पवित्र महीना देवाधिदेव महादेव की पूजा-अराधना और व्रत के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। कहा जाता है कि इस महीने में ब्रम्हांड के संचालन की जिम्मेदारी भगवान शंकर के पास होती है। सावन माह में भगवान शिवजी की पूजा से वे शीघ्र प्रसन्न होते हैं और भक्तों को आशीर्वाद देते हैं। अगस्त के पहले दिन सावन मास का तीसरा सोमवार है और श्रावण शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि है। इस चतुर्थी को वैनायकी गणेश चतुर्थी भी कहते हैं। मान्यता है कि इस दिन भगवान गणेश की साधना करने से वो शीघ्र प्रसन्न होते हैं और मनोवांछित फल प्रदान करते हैं।
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Vinayaki Ganesh Chaturthi हिंदू धर्म का कोई भी मांगलिक कार्य बिना गणपति की पूजा (Ganpati Puja) के पूर्ण नहीं होता है। इतना महत्त्व किसी अन्य देवी-देवता को नहीं प्राप्त है। गणेश का शाब्दिक अर्थ है –गणों के स्वामी। मानव शरीर, पांच कर्मेन्द्रियों, पांच ज्ञानेन्द्रियों और चार अंत:करण द्वारा संचालित होता है और इनके संचालित होने के पीछे जो शक्ति है, वह विभिन्न चौदह देवताओं की शक्ति है, जिनके मूल प्रेरणास्रोत हैं –भगवान गणेश।
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इस दिन ‘ॐ गं गणपतये नम:’ मंत्र का कम से कम एक माला का जाप करें। जाप करते समय भगवान गणपति का ध्यान करें। अगर निरंतर यह प्रक्रिया अपनाई गई तो भगवान की कृपा अवश्य ही प्राप्त होती है। इसके अलावा गणेश गायत्री का ‘ॐ एकदंताय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो बुदि्ध प्रचोदयात’ महामंत्र भी शीघ्र फलदायक है। इस बार की गणेश चतुर्थी, श्रावण शुक्ल पक्ष के सोमवार को पड़ रही है। सोमवार उनके पिता शिव का दिन माना जाता है। ऐसे में इस दिन किया गया रूद्राभिषेक और गणेश साधना विशेषरूप से फलदायी है, क्योंकि भक्त को पिता-पुत्र का आशीर्वाद एक साथ मिल जाएगा।
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। IBC 24 इसकी पुष्टि नहीं करता है.)