#SarkarOnIBC24: धान, किसान और घमासान.. धान खरीदी को लेकर पूर्व CM Bhupesh Baghel का बयान, मचा सियासी घमासान

Politics On Dhan Kharidi: नगरीय निकाय के मतदान की तारीख करीब आते-आते धान भी सियासत के केंद्र में आ गया है। धान के अधिकतम समर्थन मूल्य पर

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  • Publish Date - February 7, 2025 / 11:32 PM IST,
    Updated On - February 7, 2025 / 11:37 PM IST

Politics On Dhan Kharidi/ Image Credit: IBC24

HIGHLIGHTS
  • छत्तीसगढ़ में मौसम चुनावी हो और धान की चर्चा में ना हो, ऐसा भला कैसे हो सकता।
  • नगरीय निकाय के मतदान की तारीख करीब आते-आते धान भी सियासत के केंद्र में आ गया है।
  • कांग्रेस और बीजेपी में खुद को किसानों का सबसे बड़ा रहनुमा साबित करने की होड़ शुरू हो गई है।

रायपुर: Politics On Dhan Kharidi : छत्तीसगढ़ में मौसम चुनावी हो और धान की चर्चा में ना हो, ऐसा भला कैसे हो सकता। नगरीय निकाय के मतदान की तारीख करीब आते-आते धान भी सियासत के केंद्र में आ गया है। धान के अधिकतम समर्थन मूल्य पर घमासान छिड़ गया है। कांग्रेस और बीजेपी में खुद को किसानों का सबसे बड़ा रहनुमा साबित करने की होड़ शुरू हो गई है। बायनबाजी इस बात पर छिड़ी है कि, किसने कब और कितना किसानों को धान का अधिकतम समर्थन मूल्य दिलाया।

छत्तीसगढ़ में चुनाव हो और धान किसान का जिक्र ना हो ऐसा कैसे हो सकता है। निकाय और त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव से पहले एक बार फिर धान के मुद्दे पर सियासी संग्राम छिड़ गया है। किसानों को दी जा रही धान की राशि पर कांग्रेस-बीजेपी के बीच श्रेय लेने की सियासत शुरू हो गई है। पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि कांग्रेस ने किसानों को धान का 2 हजार 850 रु दिया तब BJP 31 सौ रुपए दे रही है। हम समर्थन मूल्य बढ़ने पर दाम बढ़ाए थे।

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Politics On Dhan Kharidi: पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने कांग्रेस सरकार को किसान हितैषी बताते हुए बीजेपी सरकार को घेरा तो बीजेपी की तरफ भी पलटवार आया, तो वहीं खुद सीएम विष्णुदेव साय ने भी धान की अंतर राशि को एक मुश्त देने और मोदी की गारंटी पूरा करने की बात कही।

इधर सरकार ने पूर्व सीएम भूपेश बघेल के बयान पर पलटवार किया, तो पीसीसी चीफ दीपक बैज ने भी आरोपों की झड़ी लगाते हुए सरकार पर सवाल दाग दिए।

सूबे में धान और किसान को लेकर सियासत नई नहीं है। बस वक्त और चुनाव बदलते रहते हैं और अब बारी है। नगरीय निकाय चुनावों की ऐसे में कांग्रेस जहां सरकार को घेर कर खुद का पलड़ा भारी करना चाहती है। तो बीजेपी भी आरोपों पर पलटवार करने में पीछे नहीं है। अब देखना ये होगा कि इन आरोप-प्रत्यारोप की सियासत से फायदा किसे होगा।

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