CM Nitish Kumar will submit resignation to the Governor tomorrow: Sources
बिहार। सियासत में कोई भी दरवाजा परमांटेली बंद नहीं होता। यहां अगर दरवाजे बंद होते हैं तो खुलते भी हैं। बीजेपी सांसद सुशील कुमार मोदी के इस बयान से स्पष्ट हो गया है, कि नीतीश के लिए बीजेपी के दरवाजे एक बार फिर से खुल गए हैं और बिहार में एक बार फिर NDA की सरकार बनना तय माना जा रहा है। हालांकि, जब तक फाइनल ऐलान नहीं हो जाता तब तक अटकलों का बाजार गर्म रहेगा। लेकिन, अभी बिहार की सियासत में सबसे बड़ा सवाल यही है, कि आखिर एक साल में ऐसा क्या हुआ कि नीतीश के लिए दरवाजे बंद करने वाली बीजेपी उनके स्वागत के लिए तैयार हो गई।
किन शर्तों के साथ बीजेपी नीतीश कुमार को अपने साथ ला रही है? क्या बिहार में एक बार फिर बीजेपी नीतीश कुमार की ताजपोशी करने की तैयारी कर रही है? इनका जवाब तो सिर्फ और सिर्फ नीतीश कुमार ही दे सकते हैं।
अब सवाल है कि क्या RJD के लिए सभी रास्ते बंद हो गए हैं। नीतीश कुमार के पास कौन-कौन से रास्ते हैं? दूसरी ओर लालू यादव नीतीश के खिलाफ चक्रव्यूह रचने में जुट गए हैं। इसके लिए वो जीतन राम मांझी, ललन सिंह सहित बीजेपी और जेडीयू के कई विधायकों को अपना मोहरा बना सकते हैं।
इधऱ बीजेपी का पूरा नेतृत्व भी पिछले 48 घंटों से बिहार में उठे सवालों को सुलझाने में लगा है। आनन-फानन में बिहार बीजेपी को कमेटी के सदस्य को दिल्ली बुलाया गया। इसके बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के घर पर करीब 95 मिनट तक मंथन हुआ। वहीं, दूसरी ओर बिहार में NDA के साथी भी वेट एंड वॉच के मोड में है।
दरअसल, बीजेपी के चुनावी रणनीतिकार जानते हैं कि अगर नीतीश NDA के खिलाफ मोर्चा संभालते तो बीजेपी के मिशन 400 के लिए चुनौती बढ़ जाती। ऐसे में अगर नीतीश NDA के पाले में आते हैं तो INDIA का कुनबा लगभग पूरी तरह बिखर जाएगा, क्योंकि ममता बनर्जी बंगाल में और आप पंजाब में पहले ही अकेले लोकसभा चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके हैं।