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#SarkarOnIBC24: रायपुर। छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण के बढ़ते मामले लगातार चिंता का सबब बने हुए है। सीएम साय ने इसे लेकर आज एक ऐसा बयान दिया, जिसके कई सियासी मायने निकाले जा रही है। साय के बयान में एक तरफ जहां धर्मांतरण पर चिंता साफ झलकती है। वहीं, इसे कांग्रेस पर तंज भी माना जा रही है। आखिर ऐसा क्या कह गए सीएम साय, जानते हैं इस रिपोर्ट में..
छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। खासतौर बस्तर और सरगुजा जैसे आदिवासी क्षेत्रों में धर्मांतरण का खेल पिछले कई सालों से चल रहा है। धर्मांतरण कराने वाले सीधे तौर पर आदिवासियों को टारगेट कर रहे हैं। ऐसे में सीएम साय ने रायपुर में आयोजित कार्यक्रम में बड़ा बयान दिया। साय ने साफ कहा कि आदिवासी सबसे बड़ा हिंदू’ है। साय धर्मांतरण को लेकर भी बेहद सख्त नजर आए। आदिवासियों को बहकाकर धर्मांतरण कराने वालों पर कड़ी कार्रवाई के संकेत दिए।
सीएम साय रायपुर के DDU ऑडिटोरियम में धर्म रक्षा महायज्ञ कार्यक्रम में शामिल हुए थे, जिसमें गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत भी मौजूद थे। साय के आदिवासियों को सबसे बड़ा हिंदू बताने पर सियासत भी शुरू हो गई। कांग्रेस ने इस पर तंज कसा। PCC चीफ ने कहा कि, हिंदू मुस्लिम का सर्टिफिकेट बांटने के लिए मुख्यमंत्री बने हैं ?.. उन्हें अब हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई की राजनीति से बाहर आना चाहिए। सीएम साय जहां आदिवासियों को सबसे बड़ा हिंदू बता रहे हैं तो वहीं कांग्रेस का इस पर स्टैंड आमतौर पर जुदा रहा है। साय के बयान के बाद पूर्व मंत्री कवासी लखमा का एक पुराना बयान सोशल मीडिया में वायरल हो गया, जिसमें लखमा आदिवासियों के हिंदू होने की बात को नकार रहे हैं।
छत्तीसगढ़ एक आदिवासी बहुल राज्य है, जिसकी अपनी आदिवासी संस्कृति और परंपरा है। इसे धर्मांतरण से खतरा है। ऐसे समय में जब छत्तीसगढ़ में धर्म परिवर्तन का मुद्दा गरम है। तब बड़ा सवाल ये है कि सीएम साय के आदिवासियों को सबसे बड़ा हिंदू बताने के क्या मायने हैं। कांग्रेस आदिवासियों को हिंदू मानती है या नहीं और क्या आदिवासियों को हिंदू बताकर धर्मांतरण रोकने की कोशिश हो रही है।