#SarkarOnIBC24: औरंगजेब की कब्र को लेकर फूट रहा नेताओं का सियासी सब्र!.. नफरती बयान डाल रहे आग में घी.. पढ़ें हंगामे की असल वजह..

ऐतिहासिक रूप से औरंगजेब को एक क्रूर शासक माना जाता है, लेकिन उनकी मौत के तीन शताब्दियों बाद उनकी कब्र हटाने से क्या हासिल होगा? यह सवाल अभी भी बना हुआ है। राजनीतिक दलों और संगठनों के बीच जारी इस बहस ने जनता के बीच भी कई सवाल खड़े कर दिए हैं।

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  • Publish Date - March 17, 2025 / 11:56 PM IST,
    Updated On - March 17, 2025 / 11:56 PM IST

#SarkaronIBC24,

HIGHLIGHTS
  • औरंगजेब की कब्र पर विवाद – बजरंग दल और वीएचपी ने कब्र हटाने की मांग को लेकर प्रदर्शन तेज किया।
  • राजनीतिक बयानबाजी तेज – महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के नेताओं में तीखी बहस, कांग्रेस ने अपनी नेता को नोटिस दिया।
  • सरकार अलर्ट मोड में – प्रदर्शन बढ़ने पर प्रशासन ने औरंगजेब की कब्र की सुरक्षा बढ़ाई, सियासत गरमाई।

Why is there a controversy over Aurangzeb’s grave?: नागपुर: मुगल बादशाह औरंगजेब को इस दुनिया से गए 318 साल हो चुके हैं, लेकिन उनकी कब्र आज भी सियासत का मुद्दा बनी हुई है। महाराष्ट्र के संभाजीनगर (खुल्दाबाद) में स्थित औरंगजेब की कब्र इन दिनों विवादों के केंद्र में है। हिंदूवादी संगठन बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद ने इस कब्र को हटाने की मांग को लेकर महाराष्ट्र के कई शहरों में प्रदर्शन शुरू कर दिए हैं।

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औरंगजेब की कब्र पर क्यों छिड़ा विवाद?

बजरंग दल और वीएचपी का कहना है कि औरंगजेब हिंदुओं पर अत्याचार करने वाला शासक था और उसने कई मंदिरों को ध्वस्त किया था। ऐसे में उसकी कब्र को बनाए रखना उचित नहीं है। हाल ही में रिलीज हुई मराठी फिल्म “छावा” (जो छत्रपति संभाजी महाराज के जीवन पर आधारित है) के बाद इस मांग ने और जोर पकड़ लिया है। प्रदर्शनकारियों ने अयोध्या की तरह कार सेवा करने की चेतावनी भी दी है, जिससे सरकार और प्रशासन सतर्क हो गया है। इसी वजह से औरंगजेब की कब्र की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

नेताओं के बीच तीखी बयानबाजी

Why is there a controversy over Aurangzeb’s grave?: इस मुद्दे पर सियासत भी जोरों पर है। महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के नेता इसे लेकर आमने-सामने हैं। महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की तुलना औरंगजेब से कर उन्हें तानाशाह करार दिया। वहीं, मध्यप्रदेश कांग्रेस की नेता रेखा विनोद जैन ने औरंगजेब की तुलना भगवान परशुराम से कर दी, जिससे विवाद और भड़क गया। उन्होंने फेसबुक पर एक लंबा पोस्ट लिखा, जिसे लेकर कांग्रेस ने उन्हें नोटिस जारी किया और पोस्ट को नफरत फैलाने वाला करार दिया। इसके बाद रेखा जैन को अपनी पोस्ट डिलीट कर माफी मांगनी पड़ी।

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कब्र हटाने से क्या मिलेगा?

ऐतिहासिक रूप से औरंगजेब को एक क्रूर शासक माना जाता है, लेकिन उनकी मौत के तीन शताब्दियों बाद उनकी कब्र हटाने से क्या हासिल होगा? यह सवाल अभी भी बना हुआ है। राजनीतिक दलों और संगठनों के बीच जारी इस बहस ने जनता के बीच भी कई सवाल खड़े कर दिए हैं।

औरंगजेब की कब्र कहां स्थित है?

औरंगजेब की कब्र महाराष्ट्र के संभाजीनगर (पूर्व में औरंगाबाद) के खुल्दाबाद में स्थित है।

कब्र को हटाने की मांग क्यों उठ रही है?

हिंदूवादी संगठनों का आरोप है कि औरंगजेब ने अपने शासनकाल में हिंदुओं पर अत्याचार किए और मंदिरों को नष्ट किया, इसलिए उनकी कब्र को हटाया जाना चाहिए।

क्या सरकार कब्र को हटाने पर विचार कर रही है?

क्या सरकार कब्र को हटाने पर विचार कर रही है?

कब्र के रखरखाव पर कितना खर्च हुआ है?

RTI के माध्यम से प्राप्त जानकारी के अनुसार, 2011 से 2023 के बीच औरंगजेब की कब्र के रखरखाव पर लगभग 6.5 लाख रुपये खर्च किए गए हैं।

क्या औरंगजेब की कब्र को हटाने के लिए कोई कानूनी प्रक्रिया शुरू की गई है?

वर्तमान में, सरकार कानूनी प्रक्रिया के अनुसार निर्णय लेने पर विचार कर रही है, लेकिन अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।