(PM Kisan Scheme, Image Credit: IBC24 News File)
नई दिल्ली: PM Kisan Scheme: लाखों किसान पीएम किसान सम्मान निधि की 21वीं किस्त का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। इस बार पिछली किसी किस्त का पैसा न मिलने पर भी पात्र किसानों को एक साथ 4000 रुपये मिल सकते हैं। अगर आप सोंच रहे हैं कि कैसे? किसी भी कारण से आपको पिछली किस्त का पैसा नहीं मिला था। यदि आप इसे सही कर लें, तो दोनों किस्तों का भुगतान एक साथ आपके खाते में आ सकते हैं।
केंद्र सरकार ने हाल ही में अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर एक महत्वपूर्ण सूचना जारी की है। इसमें उन किसानों को चेतावनी दी गई है, जो अपात्र होने के बावजूद योजना का लाभ ले रहे थे। ऐसे किसानों के नाम सूची से हटा दिए गए हैं। हालांकि, वास्तविक लाभार्थियों के लिए यह एक अवसर भी है।
सरकार ने बताया कि कई किसानों ने योजना के नियमों का उल्लंघन किया। मुख्य कारणों में शामिल हैं- 1 फरवरी 2019 के बाद भूमि अधिकार प्राप्त करना, एक ही परिवार के कई सदस्यों द्वारा लाभ प्राप्त करना या गलत पंजीकरण विवरण। रिपोर्ट के अनुसार, 29.13 लाख संदिग्ध मामलों की जांच हुई, जिनमें से अधिकांश मामलों में पति-पत्नी दोनों लाभ ले रहे थे।
अब तक की जांच में 19.4 लाख मामलों की पुष्टि हो चुकी है, जिसमें लगभग 94 प्रतिशत मामलों में पति-पत्नी दोनों को लाभ मिला। सबसे अधिक मामले उत्तर प्रदेश में (9.9 लाख), उसके बाद राजस्थान (3.75 लाख) और झारखंड (3.04 लाख) में सामने आए। सरकार ने स्पष्ट किया कि अवैध लाभ लेने वाले किसानों को सूची में वापस नहीं जोड़ा जाएगा।
सभी किसानों को सलाह दी गई है कि वे अपनी पात्रता की स्थिति जल्द से जल्द चेक करें। इसके लिए pmkisan.gov.in की ‘Eligibility Status’ या ‘Know Your Status (KYS)‘ सेक्शन का उपयोग किया जा सकता है। मोबाइल ऐप ‘किसान मित्र’ चैटबॉट के माध्यम से भी स्टेटस चेक किया जा सकता है। पात्र किसान अपलोड किए गए दस्तावेज के जरिए सूची में पुनः शामिल हो सकते हैं।
केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि सूची से हटाना अस्थायी कार्रवाई है। सभी संदिग्ध मामलों में भौतिक सत्यापन किया जाएगा। वास्तविक पात्र किसानों के नाम फिर से सूची में जोड़े जाएंगे, जबकि अवैध लाभार्थियों को वापस शामिल नहीं किया जाएगा। किसान नियमित रूप से अपनी स्थिति की जांच करते रहें, ताकि 21वीं किस्त के लाभ से वंचित न रहें। फिलहाल 21वीं किश्त के बारे में अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। लेकिन जल्द ही किसानों के खाते में आने की संभावना जताई जा रही है।