बैडमिंटन विश्व चैंपियनशिप : सेन और श्रीकांत ने पदक पक्के किये, सिंधू हारी

बैडमिंटन विश्व चैंपियनशिप : सेन और श्रीकांत ने पदक पक्के किये, सिंधू हारी

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  • Publish Date - December 17, 2021 / 06:33 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:06 PM IST

हुएलवा (स्पेन) 17 दिसंबर (भाषा) किदाम्बी श्रीकांत और युवा लक्ष्य सेन ने शुक्रवार को यहां बीडब्ल्यूएफ विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप के पुरुष एकल के सेमीफाइनल में पहुंचकर नया इतिहास रचते हुए भारत के लिये कम से कम दो पदक पक्के किये।

लेकिन महिला एकल में भारत को निराशा हाथ लगी और मौजूदा चैंपियन पी वी सिंधू को क्वार्टर फाइनल में ताइ जु यिंग से हार का सामना करना पड़ा।

भारत का एक रजत पदक भी पक्का हो गया है क्योंकि शनिवार को पहले सेमीफाइनल में श्रीकांत और लक्ष्य आमने सामने होंगे।

भारत के लिये यह टूर्नामेंट में ऐतिहासिक साबित हुआ है। पहले विश्व के पूर्व नंबर एक खिलाड़ी और यहां 12वें वरीय श्रीकांत ने नीदरलैंड के मार्क कालजोऊ पर क्वार्टरफाइनल में महज 26 मिनट में 21-8 21-7 से जीत हासिल की।

इसके बाद गैरवरीयता प्राप्त सेन ने अपने जुझारूपन का शानदार नमूना पेश किया तथा क्वार्टर फाइनल में चीन के जुन पेंग झाओ को तीन गेम तक चले रोमांचक मुकाबले में 21-15, 15-21, 22-20 से हराया। यह मैच एक घंटे और सात मिनट तक चला।

इन दोनों से पहले महान खिलाड़ी प्रकाश पादुकोण (1983 में कांस्य पदक) और बी साई प्रणीत (2019 में कांस्य पदक) ने पदक जीते थे।

सिंधू ने विश्व चैम्पियनशिप में पांच पदक जीते हैं जबकि साइना नेहवाल के नाम दो पदक हैं। ज्वाला गुट्टा और अश्विनी पोनप्पा की महिला युगल जोड़ी ने भी 2011 में कांस्य पदक जीता था।

दुनिया के 14वें नंबर के खिलाड़ी श्रीकांत पहले गेम में 11-5 से बढ़त बनाये थे और ब्रेक के बाद उन्होंने 14-8 की बढ़त बनाकर लगातार सात अंक हासिल कर गेम जीत लिया।

दूसरा गेम भी कुछ अलग नहीं था जिसमें श्रीकांत ने अपने प्रतिद्वंद्वी को पूरी तरह से पस्त कर दिया। उन्होंने 4-3 के स्कोर के बाद लगातार सात अंक हासिल किये। फिर 17-7 के बाद उन्होंने लगातार चार अंक जीतकर मैच अपने नाम कर लिया।

महिलाओं के एकल में शीर्ष वरीय ताइ जू ने क्वार्टर फाइनल 42 मिनट में 21-17, 21-13 से जीतकर सिंधू का खिताब बरकरार रखने का सपना तोड़ा।

दुनिया की सातवें नंबर की खिलाड़ी और दो ओलंपिक पदक विजेता सिंधू ने 2019 में यह खिताब जीता था और 2020 में कोरोना महामारी के कारण टूर्नामेंट हुआ नहीं था । सिंधू ने 2019 में ताइ जू को इस टूर्नामेंट में हराया था लेकिन तोक्यो ओलंपिक के सेमीफाइनल में उससे हार गई थी । इस मैच से पहले ताइ जू के खिलाफ उसका जीत हार का रिकॉर्ड 14 . 5 का था ।

भारतीय खिलाड़ी को ताइ जू की फुर्ती, कोर्ट कवरेज और ड्राप शॉट की बराबरी करने में मुश्किल हो रही थी जो पहले भी कई बार रहा है, हालांकि सिंधू ने कुछ बेहतरीन क्रास-कोर्ट स्मैश लगाये।

सिंधू ने मैच के दौरान कई सहज गलतियां कीं। वह दूसरे गेम में बराबरी तक पहुंची थी लेकिन बाद में हार गयीं।

ताइ जू ने इस तरह 2019 विश्व चैम्पियनशिप में इसी चरण में सिंधू से मिली हार का बदला भी चुकता किया।

पहले गेम में दोनों शुरू में 2-2 की बराबरी पर थी लेकिन ताइ जु ने तेजी से 11-6 की बढ़त हासिल कर ली।

सिंधू ने ब्रेक के बाद कुछ शानदार क्रास कोर्ट स्मैश से इस अंतर को 16-18 से 17-19 कर दिया। लेकिन यह भारतीय लय बरकरार नहीं रख सकी और दो बार वाइड शॉट लगाने से पहला गेम 17 मिनट में गंवा बैठीं।

दूसरा गेम करीबी रहा लेकिन फिर ताइ जु ने सिंधू की एक गलती से ब्रेक तक 11-8 की बढ़त हासिल कर ली थी। लेकिन सिंधू के दो बेहतरीन स्मैश का ताइ जु के पास कोई जवाब नहीं था। इससे सिंधू ने इस अंतर को महज एक अंक का कर दिया जो 10-11 हो गया।

ताइ जु ने अगला अंक अपने नाम किया। फिर सिंधू ने एक क्रास कोर्ट स्मैश लगाकर स्कोर 11-12 करदिया। चीनी ताइपे की खिलाड़ी ने वाइड शॉट फेंका जिससे स्कोर 12-12 हो गया।

ताइ जु ने अगले तीन अंक अपने खाते में डाले लेकिन फिर नेट पर हिट कर बैठीं। एक असफल लाइन कॉल चुनौती के बाद सिंधू 13-16 से पिछड़ रही थीं।

भारतीय खिलाड़ी ने अगले दो शॉट नेट में हिट किये और अपनी प्रतिद्वंद्वी के ड्राप शॉट तक नहीं पहुंच सकी जिससे वह 13-18 से पांच अंक से पिछड़ गयीं।

सिंधू ने असहज गलती करना जारी रखा, उन्होंने पहले शॉट वाइड फेंका और ताइ जु के स्मैश को चूककर मैच गंवा बैठीं।

पुरुष एकल में भारत के तीसरे खिलाड़ी एच एस प्रणय के पास भी सेमीफाइनल में पहुंचने का मौका है। वह क्वार्टर फाइनल में सिंगापुर के कीन येव लोह से भिड़ेंगे।

भाषा

पंत नमिता

नमिता