नयी दिल्ली, 11 दिसम्बर (भाषा) इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) के 12 क्लबों ने बृहस्पतिवार को अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) से आग्रह किया कि वह 20 दिसंबर को होने वाली वार्षिक आम बैठक (एजीएम) के दौरान अपने संविधान में मौजूद ‘‘व्यावसायिक रूप से प्रतिबंधात्मक’’ अनुच्छेदों में संशोधन करे।
ईस्ट बंगाल को छोड़कर सभी आईएसएल क्लबों ने कहा कि अगर एआईएफएफ जरूरी संशोधन करने या कोई व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य ढांचा उपलब्ध कराने में सक्षम नहीं है तो लीग के दीर्घकालिक अधिकार क्लबों को सौंप दिए जाने चाहिए।
क्लबों ने व्यावसायिक गतिविधियों को सीमित करने वाले अनुच्छेद को हटाने की मांग के साथ चेतावनी दी कि अगर तुरंत कदम नहीं उठाए गए तो घरेलू फुटबॉल खत्म हो सकता है।
क्लबों ने एआईएफएफ अध्यक्ष कल्याण चौबे को लिखे पत्र में कहा, ‘‘एआईएफएफ को या तो संविधान से व्यावसायिक रूप से प्रतिबंधात्मक धाराओं को हटाने का स्पष्ट समर्थन करना चाहिए या फिर आगामी 20 दिसंबर 2025 की एजीएम में खुद इन संशोधनों को करना चाहिए। ’’
क्लबों ने लिखा, ‘‘इसके बाद महासंघ को सरकार और क्लबों के सहयोग से पारदर्शी तरीके से उपयुक्त व्यावसायिक साझेदार ढूंढना चाहिए। ’’
इसमें कहा गया, ‘‘अगर एआईएफएफ इन जरूरी संशोधनों को समर्थन देने या लीग के लिए कोई व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य ढांचा उपलब्ध कराने में असमर्थ या अनिच्छुक है तो एकमात्र तार्किक समाधान यही है कि महासंघ लीग के दीर्घकालिक अधिकार क्लबों को स्थानांतरित कर दे। ’’
बृहस्पतिवार को लिखे इस पत्र से कुछ दिन पहले भी क्लबों ने एआईएफएफ से आग्रह किया था कि वह एक ऐसा ढांचा लाने पर विचार करे जिसके तहत वे (आईएसएल क्लब) सामूहिक रूप से एक समूह (कंसोर्टियम) बनाकर लीग का संचालन कर सकें।
एआईएफएफ ने आईएसएल के व्यावसायिक अधिकारों के लिए हाल में निविदा जारी की थी लेकिन इसमें उसे कोई भी बोलीदाता नहीं मिला था।
भाषा नमिता पंत
पंत