कल्याणी (पश्चिम बंगाल), 26 दिसंबर (भाषा) राजस्थान यूनाईटेड की टीम को अपने आई लीग पदार्पण मैच में रविवार को पंजाब फुटबॉल क्लब के खिलाफ महज नौ खिलाड़ियों के साथ उतरना पड़ा क्योंकि एमेच्योर खिलाड़ियों के पंजीकरण पर पांबदी लगी हुई है।
जयपुर की टीम ने अक्टूबर में क्वालीफाइंग टूर्नामेंट जीतने के बाद आई लीग में जगह बनायी थी।
उसने कहा कि उसके पास मैदान पर उतारने के लिये 11 सदस्यीय टीम नहीं है।
राजस्थान यूनाईटेड ने स्वीकार किया कि क्लब द्वारा लिये गये ‘गलत फैसले’ के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई। हालांकि उसने कहा कि अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ ने भी जनवरी तक इस मैच को स्थगित करने के उसके अनुरोध को अस्वीकार कर दिया। उसने कहा था कि जब तक नये करार के बाद उसके पास खेलने के लिये काफी खिलाड़ी हो जायेंगे।
उसने अपने प्रतिद्वंद्वियों – पंजाब एससी – पर निशाना साधा जिसने मैच खेलने से इनकार कर दिया।
क्वालीफायर जीतने के बाद राजस्थान यूनाईटेड ने बेहतर खिलाड़ियों से करार के लिये कई खिलाड़ियों को रिलीज कर दिया और एआईएफएफ ने क्लब को 31 दिसंबर तक एमेच्योर खिलाड़ियों को ही शामिल करने की अनुमति दी कि जनवरी की विंडो में वह पेशेवर खिलाड़ियों से अनुबंध कर सकता है।
क्लब के पास आई लीग क्वालीफायर जीतने के बाद पेशेवर खिलाड़ियों से अनुबंध करने का कोई तरीका नहीं था क्योंकि जून-अगस्त की ट्रांसफर विंडो (पेशेवर खिलाड़ियों के लिये) भी तब तक खत्म हो चुकी थी।
क्लब के अनुसार एआईएफएफ ने 21 दिसंबर को बयान जारी किया कि केवल 31 अगस्त से पहले जिन एमेच्योर खिलाड़ियों से करार किया गया है, वे ही 31 दिसंबर तक खेल सकते हैं जिसका मतलब हुआ कि राजस्थान यूनाईटेड की टीम के नये अनुबंध वाले खिलाड़ी आई लीग में नहीं खेल सकते। अब ट्रासंफर विंडो एक जनवरी से शुरू होगी।
क्लब ने कहा, ‘‘एआईएफएफ ने 14 दिसंबर 2021 को सभी क्लबों को बयान जारी किया कि टीमें 31 दिसंबर तक एमेच्योर खिलाड़ियों को खिला सकती हैं। राजस्थान यूनाईटेड के पास काफी संख्या में एमेच्योर खिलाड़ी हैं। लेकिन 21 दिसंबर को जारी दूसरे बयान में कहा गया कि 31 अगस्त से पहले अनुबंधित एमेच्योर खिलाड़ियों को ही आई लीग में खेलने की अनुमति दी जायेगी। ’’
क्लब ने कहा कि इसका सरल विकल्प होता कि वह इस मैच को गंवा देता और पांच जनवरी (जो सर्दियों की ट्रांसफर विंडो खुलने के बाद होता) को ही अपना दूसरा मैच खेलता लेकिन उसने केवल नौ खिलाड़ियों के साथ मैदान पर उतरने का फैसला किया।
भाषा नमिता सुधीर
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