नयी दिल्ली, नौ नवंबर (भाषा) अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) ने रविवार को कहा कि बोली मूल्यांकन समिति के अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) नागेश्वर राव इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) के व्यावसायिक अधिकारों के लिए कोई बोली न मिलने के बाद अपनी रिपोर्ट उच्चतम न्यायालय को सौंपेंगे।
एआईएफएफ ने शुक्रवार को घोषणा की कि उसे पहले से ही विलंबित आईएसएल के व्यावसायिक अधिकारों के लिए कोई बोली नहीं मिली है, जिससे देश के घरेलू फुटबॉल का भविष्य अधर में लटक गया है।
बोली मूल्यांकन समिति (बीईसी) के अन्य दो सदस्य एआईएफएफ अध्यक्ष कल्याण चौबे और स्वतंत्र सदस्य के रूप में एशियाई फुटबॉल परिसंघ के केश्वरन मुरुगासु हैं।
एआईएफएफ के बयान के मुताबिक, ‘‘अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ की बोली मूल्यांकन समिति (बीईसी) ने रविवार, नौ नवंबर, 2025 को एक बैठक की, जिसमें सीमित अवधि के लिए एआईएफएफ से संबंधित वाणिज्यिक अधिकारों के मुद्रीकरण का अधिकार देने के लिए ‘प्रस्ताव ’ की स्थिति की समीक्षा और चर्चा की गई।’’
समिति के विचार-विमर्श के बाद बीईसी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) नागेश्वर राव प्रक्रिया के अगले चरण के रूप में न्यायालय को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे।
बोली प्रक्रिया की निगरानी उच्चतम न्यायालय द्वारा की जा रही है और न्यायमूर्ति राव की नियुक्ति इस न्यायालय के आदेश पर की गई थी।
एआईएफएफ ने लीग के वाणिज्यिक अधिकारों के मुद्रीकरण हेतु 15 साल के अनुबंध के लिए 16 अक्टूबर को प्रस्ताव आमंत्रित किए थे। प्रस्ताव जमा करने की अंतिम तिथि सात नवंबर थी।
भाषा आनन्द पंत
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