उच्चतम न्यायालय ने एआईएफएफ के मसौदा संविधान को मंजूरी दी

उच्चतम न्यायालय ने एआईएफएफ के मसौदा संविधान को मंजूरी दी

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  • Publish Date - September 19, 2025 / 12:28 PM IST,
    Updated On - September 19, 2025 / 12:28 PM IST

नयी दिल्ली, 19 सितंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) के संविधान के मसौदे को कुछ संशोधनों के साथ शुक्रवार को मंजूरी दे दी और फुटबॉल संस्था को इसे चार सप्ताह के भीतर आम सभा में अपनाने का निर्देश दिया। यह मसौदा पूर्व न्यायाधीश एल नागेश्वर राव ने तैयार किया है।

न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने अध्यक्ष कल्याण चौबे की अध्यक्षता वाली एआईएफएफ की वर्तमान कार्यकारी समिति के सदस्यों के चुनाव को मान्यता दी और कहा कि नए सिरे से चुनाव कराने का कोई मतलब नहीं है, क्योंकि वर्तमान पदाधिकारियों का केवल एक वर्ष का कार्यकाल बचा है।

न्यायालय ने 30 अप्रैल को न्यायमूर्ति राव द्वारा तैयार एआईएफएफ के संविधान के मसौदे को अंतिम रूप देने के मुद्दे पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

शीर्ष अदालत ने फैसला सुरक्षित रखने से पहले रंजीत कुमार, राहुल मेहरा और न्यायमित्र गोपाल शंकरनारायणन सहित कई वरिष्ठ वकीलों की कुछ आपत्तियों और सुझावों को सुना।

न्यायालय ने कई दिनों तक विभिन्न राज्य फुटबॉल संघों और पूर्व खिलाड़ियों द्वारा संविधान के प्रारूप पर उठाई गई आपत्तियों पर सुनवाई की।

शीर्ष अदालत के निर्देश पर न्यायमूर्ति राव द्वारा तैयार संविधान के प्रारूप में कुछ आमूलचूल परिवर्तन का प्रस्ताव था। इनमें किसी व्यक्ति को अपने जीवनकाल में अधिकतम 12 वर्ष तक पद पर बने रहने का प्रावधान था, बशर्ते कि वह अधिकतम दो बार चार-चार वर्ष का कार्यकाल पूरा कर सके।

हालांकि इसमें कहा गया है कि खेल संस्था के पदाधिकारी के रूप में आठ वर्ष तक रहने के बाद चार वर्ष तक कोई पद नहीं संभालने के ‘कूलिंग ऑफ पीरियड’ नियम का पालन करना होगा, लेकिन मसौदे में कहा गया है कि कोई व्यक्ति 70 वर्ष की आयु प्राप्त करने के बाद खेल संस्था का सदस्य नहीं रह सकता।

मसौदा संविधान के अनुसार एआईएफएफ की कार्यकारी समिति में 14 सदस्य होंगे, जिन पर आयु और कार्यकाल का नियम लागू होगा।

इसमें एक अध्यक्ष, दो उपाध्यक्ष (एक पुरुष और एक महिला), एक कोषाध्यक्ष और 10 अन्य सदस्य होंगे। अन्य 10 सदस्यों में से पांच प्रतिष्ठित खिलाड़ी होंगे, जिनमें दो महिलाएं भी शामिल होंगी।

मसौदा संविधान में अविश्वास प्रस्ताव के ज़रिए अध्यक्ष समेत पदाधिकारियों को हटाने का भी प्रावधान है, जो एआईएफएफ के मौजूदा संविधान में नहीं है।

भाषा

पंत

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