(मोना पार्थसारथी)
चेन्नई , आठ दिसंबर (भाषा) सात बार की चैम्पियन जर्मनी के हाथों सेमीफाइनल में 1-5 से करारी हार के बाद नौ साल बाद जूनियर विश्व कप जीतने का सपना टूटने के बावजूद भारतीय टीम के मुख्य कोच पी आर श्रीजेश ने कहा कि अभी भी टीम के पास पदक जीतने का एक मौका है और इसे गंवाना नहीं है ।
भारतीय टीम अब दस दिसंबर को कांस्य पदक के मुकाबले में अर्जेंटीना से खेलेगी जबकि फाइनल में स्पेन की टक्कर जर्मनी से होगी ।
सेमीफाइनल हारने के बाद श्रीजेश ने भाषा से खास बातचीत में कहा ,‘‘यह दिन खराब नहीं था लेकिन टीम अच्छा नहीं खेल सकी । हमारी जो अपेक्षायें थी, हम उस स्तर पर खेल नहीं पाये । जब आप जूनियर विश्व कप जैसे बड़े टूर्नामेंट का सेमीफाइनल खेल रहे हैं तो आसान मौके नहीं दे सकते।’’
उन्होंने कहा ,‘‘हमे काफी मौके मिले लेकिन हम भुना नहीं सके । पेनल्टी कॉर्नर भी एक ही मिला जिस पर गोल तो हुआ लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी । कई बार विरोधी टीम बहुत अच्छा खेलती है तो आप बेसिक चीजें करना भूल जाते हैं । ’’
यह पूछने पर कि मौजूदा चैम्पियन टीम के सामने होने के कारण क्या कोई मानसिक दबाव था, श्रीजेश ने कहा कि माहौल की वजह से कई बार दबाव बन जाता है ।
उन्होंने कहा ,‘‘कोई मानसिक कारण नहीं था लेकिन कई बार माहौल की वजह से दबाव बन जाता है । इतने बड़े टूर्नामेंट में दबाव रहता ही है चूंकि इन खिलाड़ियों के पास उतना अनुभव अभी नहीं है । आपको उनकी टक्कर का मैच खेलना था क्योंकि एक बार दबाव में आने के बाद वापसी करना मुश्किल होता है । इसके लिये मानसिक दृढता की जरूरत होती है । ’’
उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों को जर्मनी की तरह खेल पर नियंत्रण बनाना सीखना होगा ।
उन्होंने कहा ,‘‘हमें खेल पर नियंत्रण रखना चाहिये था जिसमें हम नाकाम रहे । हमारी छोटी छोटी गलतियों का जर्मनी ने पूरा फायदा उठाया और गोल किये । उन्होंने बहुत अच्छा खेला और वन टच यूरोपीय हॉकी खेलकर मैच पर नियंत्रण बनाये रखा जो हमें सीखना और समझना होगा । ये भारतीय हॉकी के भविष्य हैं और उनके लिये यह अच्छा सबक होगा ।’’
दो बार ओलंपिक कांस्य पदक का मुकाबला जीत चुके श्रीजेश ने कहा ,‘‘टीम के लिये जरूरी है कि अगले मैच का महत्व समझे क्योंकि अभी भी हमारे पास एक पदक जीतने का मौका है । यह खिलाड़ियों के लिये अहम है कि इस हार को भुलाकर अगले मैच में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करें । हमें बड़ी टीमों के खिलाफ मैचों में मौकों को भुनाना और मौके नहीं गंवाना सीखना होगा । ’’
यह पूछने पर कि क्या इस टीम में ऐसी प्रतिभायें दिखती हैं जो आगे जाकर सीनियर स्तर पर भारत के लिये खेल सकती हैं, श्रीजेश ने कहा कि उन्हें इस टीम से काफी उम्मीदें हैं ।
उन्होंने कहा ,‘‘इस टीम में छह सात खिलाड़ी ऐसे हैं जो सीनियर टीम में जाने के हकदार हैं । उन्हें हालांकि अभी और अनुभव की जरूरत है लेकिन विश्व कप और हॉकी इंडिया लीग के बाद मुझे पूरा यकीन है कि वे सीनियर कोर ग्रुप में होंगे । अगले साल विश्व कप, अजलन शाह कप, प्रो लीग , एशियाई खेल जैसे बड़े टूर्नामेंट खेलने हैं तो यह अनुभव उनके काम आयेगा ।’’
उन्होंने आगे कहा ,‘‘ये खिलाड़ी विश्व कप पदक जीतने के हकदार हैं क्योंकि पिछले एक साल में इन्होंने काफी मेहनत की है । अब मैदान पर जाकर इन्हें वह पदक जीतकर लौटना है । ’’
भाषा मोना पंत
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