विंबलडन को मिलेगी इस बार नई मल्लिका

विंबलडन को मिलेगी इस बार नई मल्लिका

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  • Publish Date - July 12, 2024 / 05:40 PM IST,
    Updated On - July 12, 2024 / 05:40 PM IST

लंदन, 12 जुलाई (एपी) बारबोरा क्रेजिकोवा और जैस्मिन पाओलिनी के बीच शनिवार को यहां होने वाले फाइनल में कोई भी जीते, यह सुनिश्चित है कि विंबलडन टेनिस टूर्नामेंट को इस बार नई मल्लिका मिलेगी।

क्रेजिकोवा ने पीठ में दर्द के बावजूद इस बार विंबलडन में हिस्सा लिया। यही नहीं इस टूर्नामेंट से पहले वह इस सत्र में कुछ मैच में ही जीत दर्ज कर पाई थी। इसलिए वह महिला एकल के फाइनल में पहुंचकर हैरान थी। यही हाल उनकी प्रतिद्वंदी और सातवीं वरीयता प्राप्त पाओलिनी का है।

इन दोनों में से कोई भी खिलाड़ी इससे पहले विंबलडन एकल के फाइनल में नहीं पहुंची थी। पाओलिनी ने वर्तमान टूर्नामेंट से पहले ग्रास कोर्ट पर खेले जाने वाली इस प्रतियोगिता में जो तीन मैच खेले थे उन सभी में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।

विंबलडन में पिछले सात वर्ष में महिला एकल में सात खिलाड़ी चैंपियन बनी हैं। इनमें सेरेना विलियम्स भी शामिल है जिन्होंने 2016 में यहां सातवीं बार खिताब जीता था।

क्रेजिकोवा ने में 2021 में फ्रेंच ओपन का खिताब जीता था, लेकिन उन्होंने यह सोचा भी नहीं था कि वह विंबलडन के फाइनल में पहुंचेंगी।

उन्होंने कहा,‘‘मुझे काफी मुश्किल दौर से गुजरना पड़ा। मैंने वास्तव में इसकी कल्पना नहीं की थी कि मैं विंबलडन के फाइनल में जगह बनाऊंगी। ’’

क्रेजिकोवा और पाओलिनी दोनों ने सेमीफाइनल में पहला सेट गंवाने के बाद वापसी करके जीत हासिल की।

31वीं वरीयता प्राप्त क्रेजिकोवा ने सेंटर कोर्ट पर 2022 की विंबलडन चैंपियन एलेना रयबाकिना को 3-6, 6-3, 6-4 से जबकि पाओलिनी ने डोना वेकिच को 2-6, 6-4, 7-6 (10-8) से हराया।

इन दोनों खिलाड़ियों ने आक्रामक रवैया अपनाने के बाद मैच का पासा पलटा। फाइनल में भी इन दोनों से इसी तरह के खेल की उम्मीद है।

पाओलिनी 1968 में ओपन युग शुरू होने के बाद विंबलडन के एकल फाइनल में पहुंचने वाली इटली की पहली खिलाड़ी हैं। यह 2016 के बाद पहला अवसर है जबकि कोई खिलाड़ी एक सत्र में फ्रेंच ओपन और विंबलडन के फाइनल में पहुंची है।

उन्होंने कहा,‘‘ पेरिस के बाद यहां भी फाइनल में पहुंचना, सच कहूं तो मैंने इसकी उम्मीद नहीं की थी। यह विशेष है।’’

पाओलिनी फ्रेंच ओपन के फाइनल में इगा स्वियातेक से हार गई थी लेकिन यहां वह किसी भी तरह की कसर नहीं छोड़ने के लिए प्रतिबद्ध है।

एपी पंत नमिता

नमिता