NGT का बड़ा फैसला, संक्रमित कचरे का सुरक्षित निपटारा न करने पर भरना होगा 1 करोड़ का ​जुर्माना

NGT का बड़ा फैसला, संक्रमित कचरे का सुरक्षित निपटारा न करने पर भरना होगा 1 करोड़ का ​जुर्माना

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  • Publish Date - August 11, 2020 / 04:24 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:55 PM IST

जबलपुर। दिल्ली में स्थित एनजीटी यानि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की प्रिंसीपल बैंच ने एक बड़ा फैसला सुनाया है। जबलपुर के नागरिक उपभोक्ता मंच की याचिका पर फैसला सुनाते हुए एनजीटी ने बायो मेडिकल वेस्ट नियमों का पालन ना होने पर सख्ती दिखाई है। एनजीटी ने देश भर की सभी राज्य सरकारों और केन्द्र शासित प्रदेशों को 2 माह में बायो मेडिकल वेस्ट नियम 2016 का पालन शुरु करवाने के आदेश दिए हैं।

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एनजीटी ने आदेश दिया है कि अगर देशभर में कोई भी राज्य सरकार या केन्द्र शासित प्रदेश, बायो मेडिकल वेस्ट नियमों का पालन 2 माह में शुरु नहीं करवाती है तो उसे हर माह 1 करोड़ रुपयों का जुर्माना भरना होगा। एनजीटी ने ये फैसला जबलपुर के नागरिक उपभोक्ता मंच की याचिका पर सुनाया है। मंच ने अस्पतालों से निकलने वाले जहरीले कचरे का सुरक्षित निपटारा ना होने के खिलाफ जबलपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। बाद में ये याचिका हाईकोर्ट से एनजीटी में ट्रांसफर कर दी गई थी।

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अपने विस्तृत फैसले में एनजीटी ने कोरोना महामारी के दौर में मास्क,पीपीई किट्स जैसे संक्रमित कचरे पर भी चिंता जताई है। एनजीटी ये भी साफ किया है कि सभी राज्य सरकारों को कोविड-19 के दौर में संक्रमित कचरे का भी निपटारा, बायो मेडिकल वेस्ट 2016 के नियमों के तहत करना होगा और ऐसा ना करने पर भी राज्य सरकारों पर हर माह 1 करोड़ रुपयों का जुर्माना लगाया जाएगा। ये सख्त फैसला सुनाते हुए एनजीटी ने अपनी ऑर्डर शीट में लिखा है कि पहले सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को बायो मेडिकल वेस्ट नियमों का पालन करवाने की जिम्मेदारी दी गई थी लेकिन आज 25 फीसदी से ज्यादा अस्पताल नियमों का बिलुकल पालन नहीं कर रहे।

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