अदालत ने लिया निलंबित डीआईजी के खिलाफ आरोपपत्र का संज्ञान

अदालत ने लिया निलंबित डीआईजी के खिलाफ आरोपपत्र का संज्ञान

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  • Publish Date - April 28, 2021 / 05:23 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:50 PM IST

लखनऊ, 28 अप्रैल (भाषा) भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की एक विशेष अदालत ने बुधवार को रिश्वत मामले में निलंबित पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) अरविंद सेन के खिलाफ दाखिल आरोपपत्र में उल्लिखित इल्ज़ामात का संज्ञान लिया।

भारतीय पुलिस सेवा के वर्ष 2003 बैच के अधिकारी सेन भ्रष्टाचार के मामले में पिछली 27 जनवरी से जेल में हैं। उनके खिलाफ कारोबारी मंजीत सिंह भाटिया को ठेका दिलाने का झांसा देकर करोड़ों रुपए रिश्वत लेने के आरोपियों को बचाने के मामले में अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया गया था। न्यायालय ने इसे रिकॉर्ड पर लेते हुए मामले की अगली सुनवाई की तारीख पांच मई नियत की है।

गौरतलब है कि कारोबारी भाटिया ने 13 जून 2020 को 13 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था जिसमें उसने आरोप लगाया था कि पशुपालन विभाग में एक ठेका दिलाने के नाम पर आरोपी आशीष राय ने अपने साथियों तथा कुछ सरकारी अधिकारियों के साथ मिलकर कूट रचित दस्तावेज तैयार करके उसके साथ नौ करोड़ 72 लाख रुपये की ठगी की।

इस मामले की जांच के दौरान पुलिस उपमहानिरीक्षक अरविंद सेन का नाम सामने आया था। उन पर आरोप है कि उन्होंने ठेका दिलाने के नाम पर ठगी करने के आरोपियों को बचाने के लिए अपने पद का गलत इस्तेमाल किया।

मामले के मुख्य आरोपी आशीष राय ने पूछताछ में बताया था कि मंजीत भाटिया ने उस पर अपना धन वापस करने के लिए दबाव बनाया तो उसने सीबीसीआईडी के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक अरविंद सेन से मदद मांगी। सेन ने इस मामले को निपटाने के लिए 50 लाख रुपए मांगे थे लेकिन 35 लाख रुपए में सौदा तय हो गया था।

भाषा सं सलीम

रंजन

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