बेटे की मौत के बाद 10 घंटे से उग्र खड़ी हथिनी, ग्रामीण हुए बेघर

बेटे की मौत के बाद 10 घंटे से उग्र खड़ी हथिनी, ग्रामीण हुए बेघर

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  • Publish Date - August 22, 2018 / 11:09 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:58 PM IST

छत्तीसगढ़।  कोरबा में इंसान और जंगली हाथियों के बीच का संघर्ष एक दूसरे की जान पर बन आया है पिछले कुछ दिनों से लोगों के घर तोड़ रहे और इंसानों की जान ले रहे हाथी की भी मौत कोरबा में हो गई है ऐसे में अपने बेटे की मौत का मातम मना रही हथिनी मौके पर ही पिछले 10 घंटों से खड़ी है तो वही उसके उग्र होने के कारण वन विभाग ने आसपास के गांव खाली करा दिया है जहां इंसान घर होने के बाद भी बेघरों की तरह  रहने को मजबूर हैं।

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दरअसल हथिनी अपने  8 साल के  बेटे की मौत का गम मनाते उसके शव के पास पिछले दस घंटे से खड़ी है। तो वहीं गांव के लोग भी भरी बरसात में एक प्लास्टिक त्रिपाल के रहने मजबूर हैं। दरअसल पिछले करीब 1 महीने से उत्पात मचा रहे सरगुजा से आए दो हाथियों में से एक की करंट लगने से मौत हो गई घटना तब घटी जब बेला गांव के उरांव पारा में दोनों हाथी एक घर में अनाज की तलाश में घुसे थे ऐसे में करंट लगने के कारण एक की मौत मौके पर ही हो गई और दूसरी हाथी जो कि युवा हाथी की मां है पिछले करीब 10 घंटों से मौके पर खड़ी होकर मातम मना रही है जिससे वन विभाग की मुश्किलें बढ़ गई हैं।

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ज्ञात हो कि पिछले कुछ दिनों से इन दो हाथियों ने करीब 30 से ज्यादा घरों को नुकसान पहुंचाया था इसके साथ ही 4 से ज्यादा लोगों को मौत के घाट उतार दिया था ग्रामीणों में हाथी को लेकर किस तरह की दहशत है इसका अंदाजा इनके चेहरे पर मौजूद खौफ से ही लगाया जा सकता है आलम यह है कि अपना घर और खेत होने के बाद भी न तो किसान खेत तक जा पा रहे हैं और ना ही ग्रामीण घर पर रहकर अपना जीवन जी पा रहे हैं ग्रामीणों का भी कहना है कि उनकी जिंदगी खानाबदोश की तरह हो गई है क्योंकि उनके पास रहने के लिए ना तो छत है और ना ही कोई करने के लिए रोजगार क्योंकि हाथी घरों को तो नुकसान पहुंचा ही रहे हैं साथ ही साथ खेतों की फसलों को भी चौपट कर रहे हैं। 

वेब डेस्क IBC24