हाथरस मामला: उप्र सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश की, परिवार से मिले राहुल और प्रियंका

हाथरस मामला: उप्र सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश की, परिवार से मिले राहुल और प्रियंका

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  • Publish Date - October 3, 2020 / 05:35 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:15 PM IST

हाथरस/लखनऊ/नयी दिल्ली, तीन अक्टूबर (भाषा) उत्तर प्रदेश सरकार ने हाथरस की 19 वर्षीय दलित लड़की के साथ कथित सामूहिक दुष्कर्म और उसकी मौत के मामले में शनिवार को सीबीआई जांच की सिफारिश की।

दूसरी तरफ, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने हाथरस पहुंचकर पीड़िता के परिवार से मुलाकात कर ढांढस बंधाया और कहा कि वे न्याय के लिए लड़ेंगे।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्वीट कर इस मामले की सीबीआई जांच कराने के फैसले के बारे में जानकारी दी।

कार्यालय के मुताबिक मुख्‍यमंत्री ने पूरे हाथरस प्रकरण की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश की है।

मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने ट्वीट किया, ‘‘हाथरस की दुर्भाग्यपूर्ण घटना और उससे जुड़े सभी बिंदुओं की गहन पड़ताल के उद्देश्य से उप्र सरकार इस प्रकरण की विवेचना केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो के माध्यम से कराने की संस्तुति कर रही है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इस घटना के लिए जिम्मेदार सभी लोगों को कठोरतम सजा दिलाने के लिए हम संकल्पबद्ध हैं।’’

उल्‍लेखनीय है कि मुख्‍यमंत्री के निर्देश पर शनिवार को अपर मुख्‍य सचिव (गृह) अवनीश कुमार अवस्‍थी और डीजीपी हितेष चंद्र अवस्‍थी ने हाथरस में पीड़िता के परिवार से मुलाकात की थी।

मुख्‍यमंत्री कार्यालय के सूत्रों के मुताबिक योगी आदित्‍यनाथ ने अधिकारियों के साथ बैठक के बाद यह निर्णय लिया।

दूसरी तरफ, पीड़िता के परिजन का कहना है कि वे उच्चतम न्यायालय की निगरानी में जांच चाहते हैं।

इससे पहले, हाथरस प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया था कि इस मामले की जांच करने के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) ने अपनी आरंभिक जांच का काम पूरा कर लिया है।

राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के हाथरस के लिए निकलने के समय दिल्ली-उप्र सीमा पर भारी हंगामा देखने को मिला। कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता बड़ी संख्या में जमा हुए तथा पुलिस के साथ उनकी नोकझोंक हुई। पुलिस को हल्का बल प्रयोग भी करना पड़ा। कांग्रेस का दावा है कि पुलिस के लाठी जार्च में उसके कई कार्यकर्ता घायल हो गए।

कांग्रेस कार्यकताओं और पुलिस के बीच नोकझोंक के बाद राहुल गांधी समेत पांच लोगों को हाथरस जाने की अनुमति दी गयी। इसके बाद राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और पार्टी के कुछ अन्य नेता रवाना हुए।

उधर, प्रशासन ने दो दिनों के गतिरोध के बाद हाथरस जिले में पीड़िता के गांव के बाहर लगे अवरोधकों को हटा दिया और मीडिया को जाने की अनुमति दी।

परिवार से मुलाकात के बाद राहुल गांधी ने कहा कि परिवार के साथ अन्याय हुआ है और इस परिवार की आवाज कोई दबा नहीं सकता।

प्रियंका गांधी ने कहा कि पीड़िता का परिवार न्यायिक जांच चाहता है।

कांग्रेस की ओर से जारी वीडियो के मुताबिक, प्रियंका गांधी के पहुंचने पर पीड़िता की मां उनसे लिपटकर रोने लगीं। प्रियंका इसमें उन्हें ढांढस बंधाती दिख रही हैं।

कांग्रेस का कहना है कि राहुल और प्रियंका के हाथरस दौरे को देखते हुए प्रशासन द्वारा उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू और 500 से अधिक पार्टी कार्यकर्ताओं को नजरबंद कर दिया गया।

अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी और पुलिस महानिदेशक एचसी अवस्थी सहित कई वरिष्ठ अधिकारियों ने पीड़िता के परिवार से शनिवार को मुलाकात की।

अवनीश अवस्थी ने संवाददाताओं से कहा कि अधिकतम पांच लोगों का कोई भी समूह पीड़िता के परिवार से मिल सकता है।

उन्होंने कहा कि एसआई से पहली रिपोर्ट मिलने के दो घंटे के भीतर ही शुक्रवार को पुलिस अधीक्षक समेत कई पुलिसकर्मियों के निलंबन का आदेश दिया गया।

अवस्थी ने कहा, ‘‘यह बहुत ही दुखद घटना है। हमने परिवार में सभी से मुलाकात की। हमने उनसे बात की और यह भरोसा दिलाया गया कि दोषी पाए गए सभी लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।’’

पीड़िता की मौत और उसके साथ नृशंस व्यवहार से निर्भया कांड की याद ताजा हो गयी और यह देश में प्रमुख राजनीतिक मुद्दा बना हुआ है।

हाथरस रवाना होने से कुछ देर पहले, राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘दुनिया की कोई भी ताक़त मुझे हाथरस के इस दुखी परिवार से मिलकर उनका दर्द बांटने से नहीं रोक सकती।’’

प्रियंका गांधी ने कहा, ‘‘यूपी सरकार नैतिक रूप से भ्रष्ट है। पीड़िता को इलाज नहीं मिला, समय पर शिकायत नहीं लिखी, शव को जबरदस्ती जलाया, परिवार कैद में है, उन्हें दबाया जा रहा है – अब उन्हें धमकी दी जा रही कि नार्को टेस्ट होगा। ये व्यवहार देश को मंजूर नहीं। पीड़िता के परिवार को धमकाना बंद कीजिए।’’

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने मामले की सीबीआई जांच या उच्चतम न्यायालय की निगरानी में जांच करवाने की मांग की है और कहा कि वह इस मामले की शुरुआती जांच से संतुष्ट नहीं हैं।

केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने इस घटना को लेकर संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं महिला आयोग के मामले में हस्तक्षेप नहीं करती। पीड़िता को न्याय मिलेगा, मैंने खुद मुख्यमंत्री से बात की है। एसआईटी की रिपोर्ट आने पर मुख्यमंत्री दोषियों पर कार्रवाई करेंगे।’’

गौरतलब है कि 14 सितम्बर को हाथरस में चार युवकों ने 19 वर्षीय दलित लड़की से कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया था। मंगलवार सुबह दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में पीड़िता की मौत हो गई, जिसके बाद बुधवार तड़के उसके शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया।

पीड़िता के परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने उन्हें रात में ही अंतिम संस्कार करने के लिए बाध्य किया। बहरहाल, स्थानीय पुलिस का कहना है कि ‘‘परिवार की इच्छा के मुताबिक’’ अंतिम संस्कार किया गया।

भाषा हक हक वैभव

वैभव