इंटैक ने खुदा बख्श पुस्तकालय एवं अन्य धरोहर बचाने के लिए नीतीश कुमार को लिखा पत्र

इंटैक ने खुदा बख्श पुस्तकालय एवं अन्य धरोहर बचाने के लिए नीतीश कुमार को लिखा पत्र

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  • Publish Date - April 11, 2021 / 02:49 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:58 PM IST

पटना, 11 अप्रैल (भाषा) इंटैक ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से 130 साल पुराने खुदा बख्श पुस्तकालय के अगले हिस्से को नहीं ढ़हाने की अपील की और कहा कि इस मशहूर संस्थान के किसी भी हिस्से को गिराना न केवल पटना के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए ‘धरोहर की बहुत बड़ी क्षति’ होगी।

शनिवार को मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में दिल्ली स्थित इस एनजीओ की पटना शाखा ने किसी भी अन्य धरोहर भवन को पूर्ण या आंशिक रूप से नहीं गिराने की भी अपील की है जो ऐतिहासिक अशोक राजपथ पर कारगिल चौक से एनआईटी मोड़ तक प्रस्तावित उपरिगामी गलियारे के मार्ग में आ रहे हों।

पत्र में कहा गया है, ‘‘ खुदा बख्श पुस्तकालय के किसी भी हिस्से को गिराना न केवल पटना के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए ‘धरोहर की बहुत बड़ी क्षति’ होगी। इससे इस संस्थान की महानता पर हमेशा के लिए ग्रहण लग जाएगा। ’’

इनटैंक पटना चैप्टर के संयोजक जे के लाल ने कहा कि कारगिल चौक से एनआईटी मोड़ तक दो किलोमीटर से थोड़ा लंबा बनने वाले फ्लाईओवर के लिए कई धरोहर भवनों एवं उनके अगले हिस्से की कांट-छांट करनी होगी जिसमें खुदा बख्श पुस्तकालय के कर्जन रीडिंग रूम और उसके आगे के गार्डन भी शामिल हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘ अपने पत्र में हमने मुख्यमंत्री से इस फैसले पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया है क्योंकि यह पटना एवं बाकी देश के लिए ऐतिहासिक धरोहर है। यह राष्ट्रीय महत्व का संस्थान, ग्रंथात्मक भव्यता एवं हमारे शहर की पुरातात्विक शान है। हमने यातायात का मार्ग बदलने का वैकल्पिक प्रस्ताव भी दिया है। ’’

मशहूर शख्सियत खुदा बख्श खान द्वारा 1891 में शुरू किया गया यह पुस्तकालय कला, संस्कृति और अकादमिक जगत की शान है।

भाषा

राजकुमार नरेश

नरेश