महाराष्ट्र में अगस्त महीने में तेजी से बढ़े संक्रमण के मामले

महाराष्ट्र में अगस्त महीने में तेजी से बढ़े संक्रमण के मामले

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  • Publish Date - September 6, 2020 / 05:15 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:55 PM IST

मुंबई, छह सितंबर (भाषा) महाराष्ट्र में अगस्त महीने में कोरोना वायरस संक्रमण बेहद तेजी से बढ़ा है और प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी के मुताबिक पिछले महीने कोविड-19 के 3.70 लाख से अधिक नये मरीज सामने आए।

महाराष्ट्र के स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक प्रदेश में अगस्त महीने में कोरोना वायरस संक्रमण के 3,76,587 नये मामले सामने आए जबकि जुलाई और जून में क्रमश: 2,41,820 और 1,04,748 लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी।

स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया, ‘‘ एक अगस्त तक राज्य में कोविड-19 के 4,31,719 मरीज सामने आए थे जो बढ़कर एक सितंबर को 8,08,306 हो गए। यह जनवरी महीने में महामारी की शुरूआत के बाद संभवत: सबसे अधिक वृद्धि है।’’

उन्होंने कहा कि संक्रमितों की बढ़ी हुई संख्या की एक वजह अधिक संख्या में जांच है। अधिकारी के मुताबिक पिछले महीने महाराष्ट्र में 20,16,809 नमूनों की जांच की गई थी।

अधिकारी ने बताया, ‘‘एक अगस्त तक 21,94,943 नमूनों की जांच की गई थी जो एक सितंबर को बढ़कर 42,11,752 हो गई है। राज्य में आक्रमक तरीके से जांच की जा रही है जिससे संक्रमितों का पता लगाने में मदद मिल रही है।’’

अधिकारी ने बताया कि राज्य में कोविड-19 मरीजों और इससे होने वाली मौतों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है।

उन्होंने बताया कि एक से पांच अगस्त के बीच 36,546 कोविड-19 मरीज सामने आए जबकि एक से पांच सितंबर के बीच 75,556 लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई।

आंकड़ों के मुताबिक एक अगस्त तक महाराष्ट्र में कोविड-19 से 15,316 लोगों की मौत हुई थी जो एक सितंबर को बढ़कर 24,903 हो गई।

अधिकारी ने बताया, ‘‘एक से पांच अगस्त के बीच 1,160 कोविड-19 मरीजों की मौत हुई। वहीं, एक से पांच सितंबर की अवधि में यह संख्या 1,373 रही।’’

महाराष्ट्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि राज्य में जांच की संख्या और बढ़ाने की जरूरत है।

उन्होंने कहा, ‘‘रोजाना होने वाली जांच में अधिकतर संख्या रैपिड एंटीजन जांच की है जो पूरी तरह से भरोसमंद नहीं है। आरटी-पीसीआर जांच जो अधिक विश्वसनीय है, बड़े पैमाने पर किया जाना चाहिए, जिससे कोरोना वायरस के संक्रमण की जमीनी स्थिति का पता चलेगा।’’

भाषा धीरज रंजन

रंजन