महाराष्ट्र में कांग्रेस-शिवसेना के बीच टकराव? कांग्रेस नेता ने BMC चुनावों पर टिप्पणी को लेकर शिवसेना पर साधा निशाना

महाराष्ट्र में कांग्रेस-शिवसेना के बीच टकराव? कांग्रेस नेता ने BMC चुनावों पर टिप्पणी को लेकर शिवसेना पर साधा निशाना

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  • Publish Date - December 28, 2020 / 04:44 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:35 PM IST

मुंबई: महाराष्ट्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नसीम खान ने राज्य में सहयोगी दल शिवसेना पर संप्रग नेतृत्व और 2022 के बीएमसी चुनाव को लेकर उसकी टिप्पणी को लेकर निशाना साधते हुए सोमवार को कहा कि महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार के अस्तित्व की जिम्मेदारी अकेले उनकी पार्टी पर नहीं है। खान ने कहा कि कांग्रेस बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएसमी) चुनाव में सभी 227 सीटों पर चुनाव लड़ेगी जिस पर अभी शिवसेना का नियंत्रण है।

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कांग्रेस के महाराष्ट्र प्रभारी एच के पाटिल ने भी शिवसेना पर निशाना साधते हुए कहा कि चूंकि वह संप्रग का हिस्सा नहीं है, इसलिए उसे गठबंधन के नेतृत्व परिवर्तन के बारे में बात नहीं करनी चाहिए। पाटिल ने कहा कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व यह तय करने के लिए राज्य इकाई को विश्वास में लेगा कि पार्टी को मुंबई निकाय चुनाव अकेले लड़ना चाहिए या एमवीए के बैनर तले। खान ने कहा, ‘‘शिवसेना यह तय नहीं कर सकती है कि कांग्रेस को आगामी स्थानीय निकाय चुनाव कैसे लड़ना चाहिए।’’

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वह मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के उस बयान की ओर इशारा कर रहे थे जिसमें कहा गया था कि एमवीए सहयोगी – शिवसेना, कांग्रेस और राकांपा- सभी भविष्य के चुनाव एकसाथ मिलकर लड़ेंगे। ठाकरे शिवसेना अध्यक्ष भी हैं। राज्य के पूर्व मंत्री ने कहा, ‘‘कांग्रेस मुंबई निकाय चुनाव (अकेले) लड़ेगी और अपना महापौर चुने जाने के लिए काम करेगी।’’ कांग्रेस के स्थापना दिवस समारोह में खान ने कहा कि महाराष्ट्र में शिवसेना की अगुवाई वाली गठबंधन सरकार केवल तभी चलेगी, जब तीनों दलों द्वारा तय सामान्य न्यूनतम कार्यक्रम (सीएमपी) का पालन किया जाएगा।

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खान ने ठाणे जिले के भिवंडी नगर में कांग्रेस के 18 पार्षदों के हाल ही में राकांपा में शामिल होने का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘सीएमपी में एक बिंदु यह भी है कि तीनों दल खुद को संगठनात्मक रूप से मजबूत करने के लिए काम करेंगे और एकदूसरे को कमजोर नहीं करेंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘राकांपा नेताओं को उन्हें राकांपा में शामिल करने से पहले हमारे राज्य नेतृत्व से संपर्क करना चाहिए था। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। राकांपा और शिवसेना को हमारे लोगों को अपने पाले में नहीं लाना चाहिए। अगर ऐसी चीजें होती हैं, तो इस सरकार के अस्तित्व की जिम्मेदारी अकेले कांग्रेस की नहीं है।’’ खान ने कहा कि शिवसेना संप्रग का सदस्य नहीं है और उसे यह कहने का कोई अधिकार नहीं है कि कांग्रेस के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय विपक्षी गठबंधन को कैसे काम करना चाहिए।

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उन्होंने कहा, ‘‘संप्रग के नेतृत्व पर टिप्पणी करने का ‘सामना’ (शिवसेना मुखपत्र) को क्या अधिकार है। सोनिया गांधी (कांग्रेस अध्यक्ष) संप्रग अध्यक्ष हैं और हमेशा रहेंगी।’’ कांग्रेस नेता ने सवाल किया, ‘‘संप्रग में नेतृत्व परिवर्तन पर बोलने के लिए ‘सामना’ को किसने अधिकार दिया है?’ उन्होंने मांग की कि प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व एमवीए की समन्वय समिति में शिवसेना और राकांपा के साथ यह मुद्दा उठाये। खान ने कहा कि कांग्रेस विधायकों को अपने निर्वाचन क्षेत्रों के विकास के लिए धन नहीं मिल रहा है। राजस्व मंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बालासाहेब थोराट ने कहा कि मुंबई का अगला मेयर कांग्रेस से होगा।

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